वाहनों के अनियंत्रित परिचालन के खिलाफ फूटा आक्रोश
बेतिया। नरकटियागंज-रामनगर मुख्य मार्ग में बिनवलिया गांव के दो युवकों की मौत और सड़क पर दौड़ते अनियंत्र
बेतिया। नरकटियागंज-रामनगर मुख्य मार्ग में बिनवलिया गांव के दो युवकों की मौत और सड़क पर दौड़ते अनियंत्रित वाहनों के मामले में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने किसी भारी वाहन से घटी घटना बताते हुए सड़क जाम कर दिया। आक्रोशितों ने आगजनी कर यह बताने की कोशिश की कि यदि परिवहन विभाग ने उचित पहल नही की और वाहनों का ऐसा ही अनियंत्रित और तेज गति से परिचालन होता रहा तो न जाने इसका खामियाजा कितने वाहन और चालकों को उठानी पड़ सकती है। लोग किसी हाईबा नामक वाहन से घटी घटना बता रहे है। पुलिस घटना की सूचना पर रात्रि करीब दस बजे पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने पीड़ित परिवार को अपेक्षित सहयोग करते हुए वाहनों की पहचान संबंधी जानकारी भी ली। मगर किसी को उस अज्ञात वाहन की जानकारी नही हो सकी। जिसने चचेरे दो भाईयों को झटके में मौत की नींद सुला दिया। दोनों कुर्बानी के अवसर पर चानकी पिपरा गांव में करतब देखने जा रहे थे। अभी गांव से निकले ही थे कि चंद मिनट में ताजू हुसैन और यासुफ अंसारी के मौत की सूचना गांव को मिल गयी।
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परिजनों को मिलेगा मुआवजा
लोगों का आक्रोश दूसरे दिन शव के साथ सड़क पर भी दिखा। न कोई अपराधिक घटना और न ही किसी चिन्हित वाहन से जुड़ा मामला। सड़क जाम की सूचना पर कुछ देर पुलिस भी वजह समझ नही पायी। तत्क्षण घटना स्थल पहुंचे शिकारपुर थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह को वहां इस बात का एहसास हो गया कि लोगों का आक्रोश अनियंत्रित और तेज गति से वाहनों के परिचालन पर था। जो गांव के दो युवकों के मौत का कारण बना। ग्रामीण विजय सिंह ने भी सक्रिय पहल किया। थानाध्यक्ष ने भी वहां सार्थक पहल की। आक्रोशितों को शांत कराते हुए जाम खत्म कराया गया। बीडीओ मनोज कुमार ने बताया कि अंत्येष्टी के लिए तीन तीन हजार रूपये दिये गये है। परिवार के इन कमाउ युवकों के निधन पर सरकारी प्रावधान के अनुसार सहायता दी जायेगी।
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शव पहुंचते ही मचा कोहराम
शव पहुंचते ही मृतकों के घर से लेकर चौक तक लोगों की भीड़ जुट गयी। मृत युवकों के घर पर उनके परिजन बेतहाशा चीखने चिल्लाने में लगे रहे। महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बता दे कि रैसुल अंसारी को छ: पुत्र व तीन पुत्रियां है। जिसमें उनके दूसरे बड़े पुत्र यासुफ अंसारी की मौत हो गयी। वह कश्मीर में लकड़ी का काम करता था। दो दिन पहले अपने मां बाप के पास घर पहुंचा था। वही जमील अंसारी का पुत्र ताजु हुसैन को भी तीन भाई और छ: बहनें है। वह भी अपने भाईयों में दूसरा बड़ा भाई था। उसकी मां सलमा खातून और पिता जमील अंसारी बेटे की मौत पर बेहद गम में डूबे हुए है।