शिलान्यास के साथ ही दफन हुआ अस्पताल बनने का सपना
बेतिया। थरूहट की धरती पर शिलान्यास के साथ ही एक अस्पताल का सपना दफन हो गया। दर्जनों ग्रामीणों का सपन
बेतिया। थरूहट की धरती पर शिलान्यास के साथ ही एक अस्पताल का सपना दफन हो गया। दर्जनों ग्रामीणों का सपना तार तार हो गया। गौनाहा प्रखंड के बेलसंडी गांव में जिस अस्पताल का शिलान्यास वर्ष 2008 में हुआ वह आज तक पूरा होने की आस लगाये हुए है। जहां लोग अपनी एक एक इंच भूमि के लिए एक दूसरे के जान लेने पर तुले है। वही बेलसंडी निवासी स्व. डा.राजेश ने अपनी लाखों रूपये की भूमि अस्पताल के लिए दान में दे दी। सोचा कि अस्पताल बन जायेगा तो थरूहट के लोगों को गांव में ही सस्ता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो जायेगा लेकिन ऐसा हो नही सका। तात्कालीन स्वास्थ्य मंत्री चन्द्रमोहन राय ने अस्पताल का शिलान्यास किया था। उस समय भारी भीड़ को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा था कि अब थरूहट के दिन बहुरेंगे। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा भविष्य में यही उपलब्ध होंगी लेकिन आज शिलान्यास पट और खाली जमीन के अलावा कही कुछ दिखाई नही देता। स्व. डा. राजेश के पुत्र डा. अमित कुमार ने बताया कि यहां किसी के अच्छे सोच की और समाजिक विकास की किसी को चिंता नही है।