बार-बार भूकंप के झटके से दहशत में लोग
जागरण संवाददाता : शनिवार को रातभर जागकर अपनी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनेवाले जिले वासिय
जागरण संवाददाता : शनिवार को रातभर जागकर अपनी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनेवाले जिले वासियों ने रविवार को अपनी दिनचर्या शुरु ही की थी कि बारह बजकर चालीस मिनट पर आये भूकंप के झटके ने एक बार फिर सभी को घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। देखते ही देखते पूरा शहर सड़कों पर इधर उधर भागने लगा। भूकंप के झटके के बाद नगरवासियों ने घंटों अपना समय बाहर ही बिताया और रविवार की रात भी रतजगा करने की योजना बना ली। हालांकि शनिवार की तरह रविवार को आये भूंकप के झटके में तीव्रता नहीं थी लेकिन झटके से एकबारगी सभी खौफजदा हो गये। देखते ही देखते चीख पुकार शुरु हो गयी। शनिवार को जहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.5 मापी गयी थी वहीं रविवार को आये भूकंप की तीव्रता 6.6 आंकी गयी। बता दें कि शनिवार की देर रात तक जिला मुख्यालय के कई मंदिरों में जहां विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया वहीं गुरुद्वारे व मस्जिदों में धर्मावलंबियों ने सिर झुकाकर सभी की सलामती के लिए दुआएं मांगी। इधर तीन लालटेन चौक स्थित दुर्गा माता के मंदिर परिसर स्थित बजरंग बली की प्रतिमा के पास महिलाओं ने दीया जलाकर अपने परिजनों सहित सबों की सलामती के लिए दुआएं मांगी। सबसे चिंताजनक स्थिति नगर के निजी क्लिनिकों व सरकारी तथा गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती मरीजों की रही। भूकंप के झटकों के भय से कई मरीजों व उनके परिजनों ने भी बाहर बरामदे में ही रात गुजारी और रातभर अपने परिजनों की सलामती के लिए दुआएं मांगी। रातभर जागने के बावजूद भी भूकंप का खौफ ऐसा था कि सुबह ही लोग उठ गये और एक-दूसरे की कुशलता के बारे में जानकारी लेने लगे। भूकंप की तीव्रता से जिला मुख्यालय की कई मकानों की दीवारों में दरारें आ गयी। रविवार को खुलने वाली दुकानें भी बंद रहीं। अन्य दिनों की तुलना में रविवार को शहर के चौक चौराहों पर जहां रिक्शावालों की कमी देखी गयी वहीं दोपहर के बाद चाय व पान की दुकानें भी बंद हीं रही। दिनभर लोग टीवी चैनलों से चिपके रहे और नेपाल में विनाशलीला की तस्वीरें देखकर संवेदना जाहिर करते रहे। नेपाल की भयावह तस्वीरों से सभी परेशान रहे। एक एक पल सबके लिए भारी बना रहा।
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हर चेहरे पर था खौफ का आलम
बेतिया : भूकंप के झटके से परेशान हर शख्स रविवार को भी खौफजदा ही रहा। बच्चे बार बार परेशान हो रहे थे और अभिभावक आने वाले झटके की कल्पना से आतंकित थे। बार बार बिजली आती जाती रही। भूकंप के झटकों के कारणों के बारे में भी पूरी तरह से चर्चाएं होती रही। घर के बुजूर्ग तरह तरह की नसीहतें देते रहे।
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दूर हुए गिले शिकवे
बेतिया : भूकंप के झटकों से परेशान नगरवासियों ने आने वाली किसी आपदा की कल्पना कर शनिवार व रविवार को आपसी वैमनस्यता को भूला दिया। मुहल्लों में एक दूसरे से किसी कारण नाराज लोगों ने भी आफत की इस घड़ी में एक दूसरे का हाल पूछा और मदद करने व देने की गुहार लगायी।
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जुटायी गयी भरपूर खाद्य सामग्रियां
बेतिया : भूकंप के झटकों के दौरान कोई नहीं चाहता था क कि उनके परिजन एक पल के लिए भी उनकी आंखों से दूर रहे। यहां तक की दिनचर्या में शामिल होने वाली रोजाना की खाद्य वस्तुएं मसलन दूध व हरी सब्जियों की खरीदारी भी भरपूर मात्रा में कर ली गयी ताकि दिनभर किसी को बाजार जाने की जरुरत नहीं पड़े।
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मृत व्यक्तियों के लिए बच्चों ने की प्रार्थना
बेतिया : भूकंप के झटकों के कारण नेपाल व बिहार के अलग अलग जिलों में मृत व्यक्तियों की आत्मा की शांति के लिए स्कूली बच्चों ने अपने अपने परिजनों के साथ प्रार्थना की। बच्चों की टीम में शामिल निवेदिता,अरुण, ज्योत्सना व रौशनी ने बताया कि उनकी टीचर ने दुख की घड़ी में प्रार्थना कर ईश्वर से मदद मागने की नसीहत दी है इसलिए इन बच्चों ने प्रार्थना की।