साइकिल योजना की निकली हवा
मैनाटांड़, संवाद सहयोगी : मुख्यमंत्री साइकिल योजना यहां कागजों पर ही गुलजार है। जाली रसीद दिखाकर एक त
मैनाटांड़, संवाद सहयोगी : मुख्यमंत्री साइकिल योजना यहां कागजों पर ही गुलजार है। जाली रसीद दिखाकर एक तरफ अभिभावक स्कूलों से राशि प्राप्त कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर दुकानदार भी मालामाल हो रहे हैं। छात्र खुश कि उन्हें 25 सौ रुपये मिल गए तो विद्यालय भी खुश कि उसे रुपये बांटने से पहले ही साइकिल खरीद की रसीद प्राप्त हो जा रही है। रसीद के इस खेल में इस महत्वाकांक्षी योजना को भारी नुकसान हो रहा है। साइकिल दुकानदार और स्कूल के बीच आपसी समझौते से यह खेल वर्षो से चल रहा है। मैनाटांड़ इस खेल का सेंटर बना हुआ है। वहीं प्रखंड के मरजदवा, पिड़ारी, इनरवा, रामपुर, भंगहा आदि बाजारों से सैकड़ों छात्र-छात्रा व अभिभावक पहुंचते हैं और मात्र 150, 200 रुपये खर्च कर तीन हजार से चार हजार रुपये की साइकिल की खरीदारी रसीद ले जाते हैं। फर्जी रसीद से सरकार को वैट (सरकारी राजस्व) की क्षति हो रही है। वहीं दूसरी ओर कई छात्र साईकिल से वंचित हो गए।