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बदलते दौर के साथ पुलिस भी हो रही हाईटेक : डीजीपी

वैशाली। बिहार पुलिस अपने बलबुते किसी भी तरह के आपराधिक व आतंकी वारदात को रोकने व उस

By Edited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 06:24 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 06:24 PM (IST)
बदलते दौर के साथ पुलिस भी हो रही हाईटेक : डीजीपी

वैशाली। बिहार पुलिस अपने बलबुते किसी भी तरह के आपराधिक व आतंकी वारदात को रोकने व उसका सामना करने में सक्षम है। आज अपराधी आपराधिक घटनाओं में आधुनिक तकनीक का भरूपुर उपयोग कर रहे हैं। ऐसे पुलिस के सामने इन अपराधों को रोकना और उसके उद्भेदन करना काफी चुनौतीपूर्ण है। पुलिस भी अब ऐसे मामतों की आधुनिक तरीके से अनुसंधान और इन्हें रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा ले रही है। बदलते दौर के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों से लैस कराया जा रहा है। वैज्ञानिक अनुसंधान के एफएसएल टीम कार्य कर रही है। ये बातें सूबे के डीजीपी पीके ठाकुर ने कही। वे शुक्रवार को अपराध अनुसंधान विभाग की प्रदर्शनी का उदघाटन करते के बाद पर्यटन विभाग के पंडाल में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। कहा कि पुलिस विभाग की आर्थिक अपराध व सायबर सेल आधुनिक तकनीकों से लैस है। पुलिस की यह टीम नयी तकनीकों का इस्तेमाल कर न सिर्फ आपराधिक घटनाओं को रोकने में सफल हो रही है बल्कि वैज्ञानिक ढंग से अनुसंधान कर अब तक कई अपराधियों को सलाखों के पीछे भी भेज चुकी है।

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उन्होंने बीते विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पुलिस बलों के साथ-साथ आम लोगों को भी बधाई दी। कहा कि आज समय की मांग है कि पुलिस आम लोगों के साथ मिलकर कार्य करे। आम लोगों के सहयोग से ही पुलिस आपराधिक मामलों को रोकने व उसके उदभेदन में ज्यादा सफलता हासिल कर सकती है। डीजीपी श्री ठाकुर ने कहा कि हर घटना व अपराध की प्रकृति और कारण अलग-अलग होते हैं। इसके लिए प्रत्येक थाना क्षेत्र में घटना के कारण व प्रकृति का अध्ययन किया जा रहा है ताकि उसी के आधार पर चिन्हित थाना क्षेत्रों में पुलिस अपनी रणनीति तैयार करेगी। हाल के दिनों में हुए कई अप्रिय वारदातों की चर्चा करते हुए कहा कि हाल के दिनों में सड़क हादसे की घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया था। पुलिस इस दिशा में भी आवश्यक कार्रवाई कर रही है। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए लोगों से सावधानी पूर्वक वाहन चलाने की सलाह दी। साथ ही कहा कि ड्राइ¨वग लाइसेंस के नियमों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर तीन माह के ड्राइ¨वग लाइसेंस को सस्पेंड किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि संगठित अपराध पर लगाम लगाने व उससे लोहा लेने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों व उपकरणों से सुसज्जित एसटीएफ की टीम लगातार कार्य कर रही है। वहीं आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ता का भी गठन किया गया है। ठीक इसी तरह दंगाइयों से निपटने के लिए एंटी रायट कंपनी का गठन किया है। डीजीपी ने बताया कि अब पुलिस के नये जवानों को ट्रे¨नग के दौरान दंगों से निपटने की जानकारी दी जा रही है।

गुमशुदा बच्चों व महिलाओं के प्रति होने वाली ¨हसा व अत्याचार को गंभीर मसला बताते हुए कहा कि गुमशुदा बच्चों के मामले में त्वरित एफआईआर कर अनुसंधान शुरू करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस इसके लिए ऑपरेशन महावीर और मुस्कान भी चला रही है। वहीं महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार व ¨हसा को लेकर भी पुलिस काफी गंभीर है। इसके लिए सीआईडी कमजोर वर्ग उल्लेखनीय कार्य कर रही है। इस मौके पर एडीजी सीआईडी आलोक राज, डीजी होमगार्ड पीएन राय, डीजी विजिलेंस र¨वद्र कुमार, डीजी ट्रे¨नग पीएच द्विवेद्वी, डीजी पुलिस आधुनिकीकरण राजेश चंद्रा, एडीजी हेडक्वार्टर सुनील कुमार आदि मौजूद थे। इसके पूर्व डीजीपी व अन्य वरीय अधिकारियों ने अपराध अनुसंधान विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। वहां डीजीपी ने एसटीएफ के अधिकारियों से अत्याधुनिक हथियारों से लेकर अपराध व अनुसंधान से जुड़े विभिन्न स्टॉलों पर जानकारी ली।


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