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पांचवीं पास पप्पू और उसका गुप्ता गोलगप्पा भंडार, जानिए क्यों है खास?

पांचवीं पास पप्पू और उसका गुप्ता गोलगप्पे का ठेला अब ग्राहकों से गुलजार रहता है। पप्पू ने नोटबंदी के बाद ग्राहकों से पेटीएम चलाना सीखा और अब उसके गोलगप्पे की अच्छी बिक्री हो रही ।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 10:53 PM (IST)
पांचवीं पास पप्पू और उसका गुप्ता गोलगप्पा भंडार, जानिए क्यों है खास?
पांचवीं पास पप्पू और उसका गुप्ता गोलगप्पा भंडार, जानिए क्यों है खास?

पटना [जेएनएन]। पांचवीं पास है पप्पू, हाजीपुर के राजेंद्र चौक पर गोलगप्पे का ठेला लगाता है। नोटबंदी के बाद पप्पू बहुत परेशान रहता था। कोई उसके पास गोलगप्पे खाने नहीं आता था। कई दिन तक उसकी कमाई इतनी भी नहीं होती थी कि वह खुद भी खा सके।

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अब पप्पू गोलगप्पे वाला खुश है। गोलगप्पा खिलाने के बाद पेटीएम के जरिए ग्राहकों से पैसे लेता है। शहर के राजेंद्र चौक पर गुप्ता गोलगप्पे वाले पप्पू कुमार चर्चा का विषय बना हुआ है। पप्पू के ठेले पर गोलगप्पा खाने आने वाले ग्राहक भी आश्चर्यचकित हैं साथ ही गोलगप्पे खाने के बाद कैश के बदले पेटीएम से पैसे दे रहे हैं। कैसे

पेटीएम से कैश करो, गोलगप्पे खा लो

शहर के कटरा मोहल्ला महाजन टोला निवासी तरुण साह का पुत्र पप्पू कुमार और उसके पिता तरुण साह गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं। जहां ग्राहक गोलगप्पा खाने के बाद पेटीएम के माध्यम से पैसे का भुगतान करते हैं।

उसकी दुकान पर दो से ढाई सौ रुपए प्रतिदिन पेटीएम के माध्यम से बिक्री होती है। हालांकि कैश भुगतान करके भी लोग गोलगप्पे खा रहे हैं।

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पप्पू ने बताया कि नोटबंदी के बाद से ही उसका व्यवसाय प्रभावित होने लगा। उसके ठेले पर गोलगप्पा खाने आने वाले ग्राहकों ने उसे पेटीएम का आइडिया दिया, जिसके बाद उन्हीं में से एक ग्राहक ने उसे पेटीएम चलाना सिखाया। उसने बताया कि वह मात्र 5 वीं पास है। शुरुआत में उसे पेटीएम चलाने में परेशानी हुई थी, मगर अब वह अच्छे से पेटीएम चलाता है।

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ठेले पर लगा है बार कोड, करें पेमेंट

पप्पू गोलगप्पे वाले ने बताया कि शहर के सिनेमा रोड स्थित स्टेट बैंक के पास उसके पिता तरुण साह गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं। वो खुद शहर के राजेंद्र चौक पर गोलगप्पे का ठेला लगाता है। उसी ठेले पर पेटीएम का बारकोड रीडर लगा है जिससे लोग गोलगप्पे खाने के बाद रुपए का भुगतान करते हैं। वह प्रतिदिन 15 से 16 सौ रुपए का गोलगप्पे बेचता है।


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