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लालू-नीतीश के प्रेम-अहिंसा का संदेश राघोपुर में बेअसर, संदेश के छठे दिन हुआ खूनी खेल

अभी छह दिनों पूर्व ही राघोपुर दियारे में तरक्की ने दस्तक दी है। लालू-नीतीश ने अमन-चैन व अहिंसा का संदेश देते हुए मिलजुल कर रहने की लोगों से अपील की। इसी बीच ठीक छठे दिन उसी राघोपुर के मुहाने पर जिस तरह खूनी खेल खेला गया, इलाका थर्रा उठा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 10:21 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 10:52 PM (IST)
लालू-नीतीश के प्रेम-अहिंसा का संदेश राघोपुर में बेअसर, संदेश के छठे दिन हुआ खूनी खेल

हाजीपुर [रवि शंकर शुक्ला]। अभी छह दिनों पूर्व ही राघोपुर दियारे में तरक्की ने दस्तक दी है। कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच पांच हजार करोड़ रुपए की सिक्स लेन पुल की बड़ी परियोजना का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव समेत कई मंत्रियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यारंभ किया।

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यहां विकास की बयार बही। हर चेहरे खुशी से खिल उठे। लालू-नीतीश ने अमन-चैन व अहिंसा का संदेश देते हुए मिलजुल कर रहने की लोगों से अपील की। इसी बीच ठीक छठे दिन उसी राघोपुर के मुहाने पर जिस तरह खूनी खेल खेला गया, इलाका थर्रा उठा। पुराने दिनों की याद ताजा हो गयी। लंबे खूनी संघर्ष के बाद अमन चैन की राह पर लौटे इलाके के लोग फिर एक बार दहशत में आ गये हैं।

36 दिनों के अंदर दो पूर्व मुखिया की हत्या

राघोपुर के मुहाने पर अपराध ने इस कदर दस्तक दी है कि राघोपुर हिल गया है। 36 दिनों के अंदर यहां दो पूर्व मुखिया की हत्या ने लोगों को दहशत के साये में ला दिया है। दोनों ही पूर्व मुखिया दियारे के दबंग थे। संयोग यह कि कुछ फासले की दूरी पर ही दोनों पूर्व मुखिया की हत्या हुई। दोनों की गोली मारकर ही हत्या की गयी।

31 दिसंबर 2015 को बहरामपुर के पूर्व मुखिया जयपाल राय की कच्ची दरगाह में ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के ठीक 36 दिनों बाद शुक्रवार को फतेहपुर के पूर्व मुखिया बृजनाथी ङ्क्षसह की हत्या कर दी गयी। इन दोनों घटनाओं को लेकर इलाका थर्रा उठा है।

लालू-नीतीश ने की थी अमन चैन की अपील

छह दिनों पूर्व कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सिक्सलेन पुल के कार्यारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने संबोधन में समारोह में जुटे लोगों के बीच मिलजुल कर रहने का संदेश दिया था।

लालू ने कहा था कि सभी को मिलजुल कर रहना है। सभी को साथ लेकर चलना है। किसी से झगड़ा-झंझट नहीं करना है। सूबे की तरक्की के लिए एकजुट होकर काम करना है। वहीं मुख्यमंत्री ने लालू के संदेश को दुहराते हुए लोगों से मिलजुल रहने की अपील की थी। कहा था कि आपस में प्रेम एवं भाइचारा का माहौल कायम करना है।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में कानून का राज है और रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और न ही सरकार किसी पर अन्याय होने देगी। मुख्यमंत्री ने साफ-साफ शब्दों में कहा था कि जो कोई भी अपराध करेगा, वह किसी कीमत पर नहीं बचेगा।

अपराध को ले विकास की राह में खड़े हुए गंभीर सवाल

राघोपुर के दो दबंग पूर्व मुखिया की 36 दिनों के अंदर हुई हत्या ने विकास की राह में गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। सिक्सलेन पुल बनने से राघोपुर को तरक्की की ऊंचाई पर पहुंचाने के लालू-नीतीश के सपनों के साकार होने की राह में इस तरह की घटनाएं बाधा उत्पन्न कर सकती है। वहीं इन घटनाओं का सबसे ज्यादा असर काम पर पड़ सकता है। अभी तो यहां पूरी तरह काम भी शुरू नहीं हुआ है।

बड़ी कंपनियों के अधिकारी यहां पहुंचेंगे और पुल का निर्माण कार्य शुरू करेंगे। ऐसे में अभी से ही जिस तरह आपराधिक घटनाओं को लेकर इलाका सुर्खियां बटोर रहा है ऐसे में उन अधिकारियों एवं कर्मियों को यहां आने एवं काम करने में मुश्किल होगी। समय रहते सरकार को सख्ती के साथ अपराध पर काबू पाने की कोशिश करनी होगी ताकि बेहतर माहौल के बीच यहां काम शुरू हो सके।

बड़ी मुश्किल से दियारा में आयी है खुशहाली

करीब दो दशक तक खूनी खेल के लिए राघोपुर दियारा चर्चित रहा। दियारा का सुनहरा रेत एक बार नहीं बल्कि सैकड़ों बार उस दौर में खून से लाल हुआ था। उस दौर में पुलिस अफसरों को दियारे में कार्रवाई करने में मुश्किल होती थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद यहां अपराध पर अंकुश को लेकर खास अभियान चला था। तिरहुत के डीआईजी के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय ने यहां कई दिनों रहकर अमन चैन कायम करने की पहल की थी। गांव-गांव में आमसभा कर लोगों से अमन चैन की अपील की थी। उसके बाद दियारे में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगा था।

इधर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राघोपुर, तेरसिया, लिटियाही एवं बिदुपुर के दौरे के क्रम में अपनी हर सभाओं में लोगों से मिलजुल कर रहने एवं अमन चैन कायम करने की अपील लोगों से की। बावजूद इधर जिस तरह दो पूर्व मुखिया की हत्या की घटना हुई, इलाके के लोगों के मन में यह आशंका घर करने लगी है कि कहीं फिर दियारा अतीत की ओर न लौट जाये।


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