Move to Jagran APP

वैशाली के इतिहास में जुड़ेगा एक और सुनहरा अध्याय, जानिए मामला...

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि वैशाली में 150 करोड़ की लागत से पत्थर का भव्य स्तूप बनेगा। यह स्तूप अपने तरह का देश में दूसरा स्तूप होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 05:12 PM (IST)
वैशाली के इतिहास में जुड़ेगा एक और सुनहरा अध्याय, जानिए मामला...

वैशाली [जेएनएन]। विश्व के सबसे पुराने गणतंत्र की धरती वैशाली के गौरवशाली इतिहास में जल्द ही एक और नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। यहां लगभग 150 करोड़ की लागत से पत्थर का भव्य स्तूप बनेगा। लगभग 17317 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनने वाला यह स्तूप अपने तरह का यह देश में दूसरा स्तूप होगा। इस स्तूप के निर्माण के साथ ही वैशाली में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि कलश करने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

loksabha election banner

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को वैशाली स्थित बट थाई मंदिर में इस स्तूप के नक्शे का लोकार्पण किया। इस मौके पर अपने संबोधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्तूप के निर्माण के लिए अगले माह टेंडर निकाला जाएगा। कहा कि लंबी लड़ाई के बाद वैशाली के लोगोंं को यह तोहफा मिला है। भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को पटना से लाकर यहां स्थापित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई।

पढ़ेंः 'लिट्टी-चोखा' नेशनल नहीं, इंटरनेशनल हो गया है... जानिए कैसे ?

उन्होंने राज्य सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उस वक्त सहयोग नहीं मिला था। अगर मिला होता तो यह सपना कब का साकार हो गया होता। कहा कि भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को पटना से यहां लाने के लिए उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, सोनिया गांधी, रामविलास पासवान से भी बात की थी। सभी ने वैशाली के धरोहर के वैशाली में ही रहने पर अपनी सहमति जताई थी। इसके बावजूद जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो थक हार कर न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।

पढ़ेंः ट्रेनों में अब सुन सकेंगे जोक, गाने और बहुत कुछ...जल्द शुरू होगी रेल रेडियो सेवा

6 दिसंबर 2010 को पटना हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि एक साल के अंदर वैशाली में स्तूप का निर्माण कराया जाए। उसके बाद बिहार सरकार भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को वैशाली में रखने को तैयार हुई। इसके बाद सरकार ने 438 करोड़ रुपए से 72 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। स्तूप के निर्माण के लिए अगले माह टेंडर निकाला जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.