धन दूना होने का कर रहे हैं इंतजार, तो रहें सावधान
जागरण संवाददाता, हाजीपुर : जल्द से जल्द और अमीर बनने और कम समय में धन दोगुना करने के
जागरण संवाददाता, हाजीपुर : जल्द से जल्द और अमीर बनने और कम समय में धन दोगुना करने के लालच में फंसकर लोग अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई चिट-फंड कंपनियों के हाथों लूटा रहे हैं। लेकिन प्रशासन इन सब चीजों से अंजान बनी हुई है। पिछले एक दशक के दौरान वैशाली जिले से दर्जनों नन बैं¨कग कंपनियों लोगों की गाढ़ी कमाई के कराड़ों रुपए लेकर फरार हो चुकी है। नब्बे के दशक में जेभीजी नाम की एक ननबैं¨कग कंपनी आई थी। कुछ वर्षों तक तो इसने लोगों को अपने कारोबारी सब्जो-बाग दिखाए उसके बाद यह कंपनी करोड़ों रुपए लेकर भाग गई। डॉल्फीन, डेफोडेक्स, इंडिया डॉट कॉम, साईं इंटरप्राइजेज नाम की कई कंपनियां आईं और लोगों को लूट कर चली गईं। पुलिस ने इन कंपनियों के खिलाफ धोखाधरी की शिकायत तो दर्ज कर ली लेकिन इनके मालिकों को पकड़ने में नाकाम रही।
ऐसी कंपनियों में शामिल कर्मचारी अपने निशाने पर गांव के भोले-भाले लोगों को लेते है। इनको भरोसा दिलाया जाता है कि यदि यह इस कंपनी में अपना पूंजी जमा करेंगे, तो कुछ ही महिनों के अंदर उनका धन दोगुना से भी अधिक हो जायेगा। कभी-कभी इन कंपनियों के लोगों के झांसे में पढ़े लिखे लोग भी आ जाते है। यह लोग अपनी गाढ़ी कमाई को कंपनी में जमा कर देते है और कुछ दिनों तक जिले में रन-वे करने के बाद कंपनी अपने साथियों के साथ फरार हो जाती है। दो वर्षो के भीतर जिले से कई ऐसी कंपनियां लोगों की गाढ़ी कमाई को लेकर भाग चुकी है। वर्तमान समय में ग्रामीण अंचलों में ऐसी कई चिट फंड कंपनियां अपना जाल फैलाये हुए है। इनके झांसे में हजारों की संख्या में लोग फंस भी चुके है। पुलिस या किसी अन्य की नजर न पड़े, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ इन कंपनियों के प्रतिनिधि ज्यादा ध्यान देते है।
साधारण तौर पर बनाते हैं ऑफिस
ऐसी कंपनियों के पास धन दोगुना करने की कई स्कीम होती है। अपनी आफिस में यह लोग कुछ खास समान नहीं रखते है। एक-दो फर्नीचर और कुछ साजो सज्जा का समान रखकर यह लोग अपने आफिस का डेकोरट मेटेंन करते है। ऐसा इसलिए होता है कि मौका मिलने के बाद यह लोग यहां से अपने सामानों को समेटकर आसानी से भाग सके। कुछ चिट फंड कंपनियां ऐसी भी होती है, जो कि धन दोगुना करने की आड़ में कर्मचारियों की नियुक्ति भी करती है। ऐसी कंपनियों के लोग नियुक्ति के नाम पर भी काफी धन वसूली कर लेते है और बाद में फरार हो जाते है।
स्थानीय की लेते हैं मदद
जिले में आने वाली चिट फंड कंपनियों को लेकर आने वाले लोगों का दावा धन दोगुना करने का होता है। ये लोग लोकल बेरोजगार युवकों को तरह-तरह का प्रलोभन देकर पहले उन्हें अपने झांसे में फंसाते है फिर बाद में उन्हें अपनी कंपनी का एजेंट बना लेते है। उन्हें यह पता होता है कि लोकल होने के नाते एजेंटों पर यहां के स्थानीय लोगों का ज्यादा भरोसा रहता है। इसी भरोसे की आड़ में यह लोग धन बटारेते है और बढ़े धन का एक-दो किस्त उन्हें दे देते है।
महिलाओं को फंसाते है झांसे में
आफिस खोलने से पूर्व ऐसी कंपनी के लोग किसी को भी कोई जानकारी नहीं देते है। जब आफिस खुल जाता है तो ये मार्केट में अपनी कंपनी का प्रचार प्रसार करने के लिए निकलते है। ऐसी कंपनियों के अफिस अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में खुलते है। लोकल लोगों की मदद से ये लोग गांवों को चिन्हित करते है और अपने शिकार को फंदे में फंसाने के लिए डोर-टू-डोर पहुंचते है। ये लोग ग्रामीण महिलाओं को झांसे में फंसाकर अपने बचत के पैसों को अपनी कंपनी में लगा देते है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं शीघ्र ही धन दोगुना होने के लालच में अपने घर वालों से छिपाकर उस कंपनी के एजेंट को पैसा दे देती है।
जिले से भाग चुकी है दर्जनों फाइनांस कंपनियां
अभिनंदन इकोनोमी लिमिटेड, आकर्षण इकोनोमी इंडिया लिमिटेड, आशीर्वाद, वाजिधपुर से¨वग प्राइवेट लिमिटेड, बिठौली, ली¨जग लिमिटेड, डॉलफिन इकोनॉमी इंडिया लिमिटेड, इडेड, आइसलैंड कमर्शियल, कोणार्क ओवरसीज इकोनॉमी, लिच्छवी इंवेस्टमेंट एंड प्लांटेशन, नचिकेम इकोनॉमी इंडिया, कोजी एलई फिनांस एंड इनवेस्टमेंट, सखी से¨वग, टेक्नो इकोनॉमी, वेलकीन फिनांस एंड इनवेस्टमेंट इंडिया, शोभा नवीन से¨वग्स एंड प्लांटेशन, साक्षी फाउंडेशन इंडिया, डेफोडेक्स सहित लगभग ढाई दर्जन कंपनियां निवेशकों के अरबों रुपये लेकर फरार हो चुके हैं।