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निजीकरण के विरोध में एंबुलेंस चालक गए हड़ताल पर

सूबे की आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था के अभिन्न अंग आपातकालीन एंबुलेंस चालकों एवं आपातकालीन तकनीकी कर्मचारियों ने गुरुवार से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी। सूबे की आपातकालीन सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने के राज्य सरकार के निर्णय व निविदा आमंत्रित किए जाने के विरोध में बिहार राज्य आपातकालीन आतुर वाहन चालक संघ एवं प्रावैद्यिक संघर्ष समिति के बैनर तले जिले में आपातकालीन सेवाएं मुहैया करा रहे एंबुलेंस चालकों व तकनीशियनों ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष कार्य का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए।

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 09:04 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 09:04 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में एंबुलेंस चालक गए हड़ताल पर

वैशाली। सूबे की आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था के अभिन्न अंग आपातकालीन एंबुलेंस चालकों एवं आपातकालीन तकनीकी कर्मचारियों ने गुरुवार से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी। सूबे की आपातकालीन सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने के राज्य सरकार के निर्णय व निविदा आमंत्रित किए जाने के विरोध में बिहार राज्य आपातकालीन आतुर वाहन चालक संघ एवं प्रावैद्यिक संघर्ष समिति के बैनर तले जिले में आपातकालीन सेवाएं मुहैया करा रहे एंबुलेंस चालकों व तकनीशियनों ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष कार्य का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए।

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धरना में संघर्ष समिति के नेताओं ने सूबे की आपातकालीन चिकित्सा सेवा को सरकार द्वारा निजी हाथों में सौंपने का विरोध करते हुए कहा कि सूबे के आतुर वाहन चालक व आपातकालीन तकनीशियन जन-जन की आवश्यकता हैं। इसलिए सरकार इनके विरोध को दरकिनार करने की भूल न करे। सूबे के आतुर वाहन चालक व प्रावैद्यिक कर्मचारी हर तरह के मौसम व प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए दिन-रात जन-जन तक अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। यदि सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने का प्रयास करेगी तो सूबे की सभी आपातकालीन मेडिकल सेवाएं पूरी तरह बाधित हो जाएंगी। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।

इस मौके पर कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विद्यानंद ¨सह, संगठन के जिला सचिव चंदन कुमार, आशीष रंजन, उपाध्यक्ष रवींद्र पासवान, राकेश कुमार पांडेय, कोषाध्यक्ष मणि कुमार, धर्मेंद्र कुमार, ¨सगेश्वर राय, रणधीर कुमार, सुनील कुमार, महेश राय एवं शिवजी प्रसाद आदि कर्मचारी नेताओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।


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