धमकी भरे 8 कॉल, 8 लोकेशन, फिर भी चढ़े पुलिस के हत्थे
वैशाली। 50 लाख रुपए की रंगदारी नहीं देने पर दिनदहाड़े लोहा व्यवसायी को गोली मारकर जख्मी क
वैशाली। 50 लाख रुपए की रंगदारी नहीं देने पर दिनदहाड़े लोहा व्यवसायी को गोली मारकर जख्मी करने के मामले में वैशाली पुलिस को जबर्दस्त सफलता मिली है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से पुलिस और अपराधियों के बीच लुकाछिपी का खेल चल रहा था। अंतत: पुलिस टावर डंप टेक्नोलॉजी व मोबाइल लोकेशन के आधार दो बदमाशों को धर दबोचा। पकड़े गए बदमाशों के पास से पुलिस ने एक देशी पिस्टल, एक कट्टा, सात ¨जदा कारतूस, दो मोबाइल व एक अपाचे बाइक भी बरामद किया है। गिरफ्तार बदमाश कितने शातिर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रंगदारी के लिए इन लोगों ने आठ अलग-अलग लोकेशन से आठ बार व्यवसायी को कॉल किया था।
इस संबंध में शनिवार को एसपी राकेश कुमार ने बताया कि बीते 15 जुलाई को ¨रकी स्टील आयरन के मालिक नवल कुमार ¨सह से अपराधियों ने मोबाइल पर 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। नगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रंगदारी नहीं देने पर बीते 1 अगस्त की सुबह अपराधियों ने नवल कुमार ¨सह को उस वक्त गोली मारकर जख्मी कर दिया था, जब वह सुबह साढ़े नौ बजे सदर थाने के उमेश सिनेमा रोड स्थित अपनी दुकान खोलने पहुंचा था। एसपी ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक दिलीप कुमार प्रभारी डीआईयू, गोरौल थानाध्यक्ष दिलीप कुमार, भगवानपुर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य, वैशाली थानाध्यक्ष सुमन कुमार, सदर थाने के पुलिस अवर निरीक्षक राकेश रंजन, रंजीत कुमार की टीम को लगाया गया था। पुलिस टीम ने दो बदमाशों को सदर थाने के एकारा गुमटी के पास से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाशों में नगर थाने के बागदुलहन का इमरान व वैशाली थाने के बेलका का पप्पू राय शामिल है। पप्पू के विरुद्ध भगवानपुर थाने में पहले से ही आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। पुलिस अभी मुन्ना मियां नामक बदमाश की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। मुन्ना मियां एक दशक पूर्व चर्चित राजू वाशर के मालिक अपहरण कांड में भी शामिल था।
हर बार नये मोबाइल व नंबर से मांगता था रंगदारी
व्यवसायी से रंगदारी मांगने व गोली मारने के बाद पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। वहीं दूसरी ओर अपराधी भी व्यवसायी से लगातार रंगदारी की मांग कर रहे थे। एसपी के अनुसार पकड़े गए बदमाश इतने शातिर थे कि हर बार नये मोबाइल, नये सिम व नये लोकेशन से कॉल करते थे। मोबाइल व सिम चोरी के या फिर किसी से छिने हुए होते थे। ये लोग कभी कोलकाता, गुवहाटी, मोतीहारी तो कभी दरभंगा से कॉल करते थे। अपराधियों ने व्यवसायी को गोली मारने के बाद 8, 14, 15, 16 व 22 अगस्त को भी कॉल कर रंगदारी की मांग की। गोली मारने की घटना के पूर्व अपराधियों ने तीन बार व्यवसायी से कॉल कर रंगदारी की मांग की थी।
टावर डंप टेक्नोलॉजी से मिली सफलता
एसपी ने बताया कि मोबाइल लोकेशन के आधार टावर डंप टेक्नोलॉजी की मदद ली गई। पुलिस की सात टीमें बनाकर जहां से कॉल कर रंगदारी मांगी गई थी, उन लोकेशनों पर जांच के लिए भेजी गई। इस दौरान एक कॉमन नंबर का पता चला जिससे अक्सर उस रेंज में बात होती थी। इसी दौरान बदमाश इमरान ने चोरी के एक मोबाइल में अपना सिम लगा लिया। इसके बाद पुलिस को इसके लोकेशन की जानकारी मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगी और टीम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर इमरान व पप्पू को सदर थाने के एकारा गुमटी के पास से धर दबोचा।