दमकल होती तो शायद बच सकती थी मूलचंद की जान
वैशाली। बिदुपुर प्रखंड मुख्यालय में अगर दमकल गाड़ी की व्यवस्था होती तो शायद रविवार की देर रात माइल गा
वैशाली। बिदुपुर प्रखंड मुख्यालय में अगर दमकल गाड़ी की व्यवस्था होती तो शायद रविवार की देर रात माइल गांव में अगलगी की घटना में 105 वर्षीय महादलित मूलचंद की जान बच सकती थी। दमकल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण आग पर जल्द काबू नहीं पाया जा सका और घर के अंदर ही झुलस कर मूलचंद की मौत हो गयी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिदुपुर प्रखंड की आबादी लगभग तीन लाख है। प्रतिवर्ष अगलगी की घटनाओं में यहां जान-माल की भारी क्षति भी होती है। इसके बावजूद प्रखंड मुख्यालय में दमकल की व्यवस्था नहीं की गयी। भले ही अगलगी जैसी घटना को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन दमकल की व्यवस्था प्रखंड मुख्याल में होने पर इसकी विभीषिका को जरूर कम किया जा सकता है। 24 पंचायतों वाली इस प्रखंड में अगलगी जैसी विपदा से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के लोग स्थानीय साधन या फिर भगवान के भरोसे ही है।
पिछले सप्ताह जहां जुड़ावनपुर कारगिल चौक के निकट हुई अगलगी की घटना में देवेंद्र ¨सह का घर और घर में रखी दो मोटरसाइकिलें जल गयी। वहीं दीपावली की अर्द्धरात्रि में हाजीपुर-महनार पथ पर देवा चौक के समीप चार दुकानें जल गयी जिसमें लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गयी। अगलगी की बढ़ती घटनाओं और इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए पिछले कई वर्षों से प्रखंड मुख्यालय में दमकल गाड़ी की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। लेकिन इस दिशा में कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं की गयी है। लोगों का कहना है कि आग लगने पर जबतक जिला मुख्यालय से दमकल की गाड़ी यहां पहुंचती है तबतक सबकुछ जलकर राख हो चुका होता है।