दाल में गिरी छिपकली, एक दर्जन बच्चे बीमार
वैशाली। गोरौल प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय सोन्धो में मिड डे मील खाने से एक दर्जन बच्चे बीमार ह
वैशाली। गोरौल प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय सोन्धो में मिड डे मील खाने से एक दर्जन बच्चे बीमार हो गए। जिन्हें आनन-फानन में अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र सोन्धो लाया गया। भोजन करने वाले बच्चों की तबीयत खराब होने लगी और सभी को चक्कर आने लगा। अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. सत्यनारायण पासवान ने प्राथमिक उपचार करने के बाद सभी प्रभावित बच्चे को राजकीय अस्पताल गोरौल भेज दिया। जहां सभी का इलाज चल रहा है।
बताया गया है कि प्रखंड क्षेत्र के हर विद्यालय में एनजीओ के माध्यम से भोजन आपूर्ति की जाती है। मध्य विद्यालय सोन्धो में मध्याह्न भोजन के रूप में चावल, दाल लाया गया था। विद्यालय की रसोइया अनीता देवी एवं चमेली देवी दोनों मिलकर बच्चों को खाना खिला रही थी। इसी दौरान उन लोगों ने दाल के बर्तन में छिपकली दिखी। जब तक वे छात्रों को अलर्ट करती तब तक विद्यालय की छात्रा रंजना कुमारी, प्रीति कुमारी, निशा कुमारी, संध्या कुमारी, अंजनी कुमारी, मनीष कुमार, अमित कुमार, सुमित कुमार, अरुण कुमार, सूरज कुमार, विकास कुमार, दीनानाथ कुमार खाना खा चुके थे। छिपकली मिलने की खबर मिलते ही बच्चों में हड़कंप मच गया। मध्याह्न भोजन के डीपीओ ललन प्रसाद को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल वहां पहुंचकर बच्चों के चल रहे इलाज की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि रसोइए ने आकर उन्हें दाल में छिपकली की सूचना दी थी। उसे देखा भी और बच्चों को खाना खिलाने से मना कर दिया। विद्यालय के शिक्षक मनोज कुमार एवं शिवानंद कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन से निकली छिपकली को संकुल समन्वयक लालदेव पासवान एवं एकता फाउंडेशन के भोजन आपूर्तिकर्ता प्रकाश कुमार छिपकली को उठाकर ले गये। जबकि प्रधानाध्यापक उसे ले जाने के लिए मना कर रहे थे। वहीं राजकीय अस्पताल के राजकीय चिकित्सा पदाधिकारी डा.एसके गुप्ता ने बताया कि विषाक्त भोजन के चलते बच्चों को तबियत खराब हुई थी। गनीमत है कि इलाज के बाद बच्चे बिल्कुल ठीक है। वहीं बच्चों के अभिभावक अमरनाथ राय, कर्पूरी राय, राजू साह, रामजन्म राय सहित दर्जनों ने बताया कि बना बनाया खाना जब से आ रहा है तब से इसकी गुणवत्ता घटिया व असुरक्षित है। जिसका कई बार विरोध भी किया लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जांच के बाद दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।