फुटपाथ पर डेरा, जनता का रास्ता घेरा
वैशाली। अतिक्रमण ने महुआ की व्यवसायिक मंडी गोला रोड का बेड़ा गर्क कर दिया है। अतिक्रमणकारियों ने फुट
वैशाली। अतिक्रमण ने महुआ की व्यवसायिक मंडी गोला रोड का बेड़ा गर्क कर दिया है। अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ के साथ सड़क का इस कदर अतिक्रमण कर रखा है कि यहां आने के बाद पता ही नहीं चलता कि यह मुख्य मार्ग है या फिर मोहल्ले की गली। सड़क के दोनो किनारे फुटपाथ पर स्थानीय दुकानदारों ने स्थायी रूप से दुकान व शेड का निर्माण कर लिया है। उपर से मुख्य सड़क पर भी दुकान का सामान निकाल कर रख देते हैं। स्थिति ऐसी है कि अगर गोला रोड में कोई बड़ी गाड़ी आ गयी तो समझें सड़क जाम। जाम ऐसा लगता है कि घंटो छुड़ाए नहीं छूटती। हद तो तब हो जाती है जब अनुमंडलीय अस्पताल जाने वाले एबुलेंस का सायरन बजाता रह जाता है। बावजूद प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।
फुटपाथ व सड़क पर दुकान
महुआ गांधी चौक से गोला रोड जाने वाली रोड के फुटपाथ पर जिला परिषद ने अपना कब्जा जमाकर दोनों किनारे अपनी दुकानें बना दी हैं। इन दुकानदारों ने हद ही कर रखी है। नाले के उपर स्थायी रूप से शेड बना दिया है। वे दुकानदार शेड से भी आगे अपनी दुकान की सामान निकाल कर रख दे रहे हैं। इन दुकानों के अलावा गोला रोड पर सैंकड़ों स्थायी दुकानें चलती है।
संकीर्ण सड़क पर आवागमन मुश्किल
गोला रोड की सड़क तो खतियान एवं नक्शा में गांधी चौक के निकट लगभग साठ फीट चौड़ी है पर यहां पर दुकानदारों ने सड़क को दो भागों में विभक्त कर रखा है। बीच सड़क पर दुकानें लगी है। महज दस फीट ही सड़क बची है। इसी तरह प्रखंड कार्यालय के निकट चालीस फीट सड़क है पर चलने के लिए दस फीट ही सड़क छोड़ी गयी है। बाकी सड़क का हिस्सा अतिक्रमण कर रखा गया है।
रोड में दर्जनों हैं सरकारी कार्यालय
गोला रोड में महुआ प्रखंड, अंचल, आपूर्ति, निबंधन कार्यालय, पीएचईडी, वन विभाग, आंगनबाड़ी परियोजना, विद्युत, दूरसंचार के अलावा महुआ अनुमंडल अस्पताल भी स्थित है। आप खुद समझ सकते हैं कि दर्जनों सरकारी कार्यालय के अलावा व्यवसायिक दुकानें होने के कारण हजारों लोग आते-जाते हैं। महुआ का सबसे व्यस्त रोड होने के बावजूद सड़क एवं फुटपाथ अतिक्रमण का शिकार है। बावजूद जिम्मेवार प्रशासक मौन हैं।
जाम की समस्या हुआ लाइलाज
सड़क अतिक्रमित होने से सबसे ज्यादा परेशानी अनुमंडल अस्पताल जाने वाले मरीजों की होती है। उन्हें गोला रोड का आधा किलोमीटर दूरी तय करने में घंटों का समय लग जाता है। कई ऐसे मौके भी आए जब जाम के कारण आपात मरीजों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं विभागीय पदाधिकारी भी गाड़ी छोड़ कर पैदल कार्यालय पहुंचने के लिए अभिशप्त होते हैं। इसके बाद भी उन अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है।
क्या कहते हैं लोग
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महुआ नगर पंचायत के भूसा महुआ निवासी बीएन सिंह कहते हैं कि सड़क जाम के लिए पदाधिकारी ही जिम्मेवार हैं। अगर पदाधिकारियों का ध्यान इस ओर ध्यान हो तो फुटपाथ एवं सड़क दोनों खाली रह सकेगा।
व्यवसायी अनिल कुमार ने कहा कि अस्थायी दुकानें एवं वाहन पड़ाव के कारण सड़क जाम की समस्या रहती है।
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स्थानीय अनिल कुमार कहते हैं कि अतिक्रमण से शहर का व्यवसायिक क्षेत्र का हाल बुरा है। हद तो यह है कि इसी रोड में जिम्मेवार अफसरों का दफ्तर है। जाम से होकर गुजरते हैं पर उनके स्तर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
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प्रेम कुमार ने फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि उन्हें भगा देना ही समस्या का समाधान नहीं है। सड़क पर दुकान लगा कर वे अपना और अपने परिवार को पेट पालते हैं। उनके लिए वेडिंग जोन का निर्माण होना चाहिए।
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अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि महुआ गांधी चौक के निकट सड़क पर दुकानदारों ने ऐसा संकीर्ण बना दिया है कि पैदल भी चलना मुश्किल है।