20462 लोग डकार गये 1 अरब 22 करोड़ रुपये
रविशंकर शुक्ला, हाजीपुर बिहार सरकार आर्थिक तंगी का रोना रो रही है। बैंक एनपीए (नन पेमेंट एकाउंट) क
रविशंकर शुक्ला, हाजीपुर
बिहार सरकार आर्थिक तंगी का रोना रो रही है। बैंक एनपीए (नन पेमेंट एकाउंट) का रोना रो रही है। जरूरतमंदो को ऋण नहीं मिल रहा। इधर वैशाली में हाल यह है कि 20462 लोग बैंकों एवं सरकार के विभिन्न विभागों का करीब 1 अरब 22 करोड़ रूपये डकार कर बैठे हैं। थानों की स्थिति यह है कि रूपये डकार कर बैठे लोगों पर एक्शन नहीं ले रही। करीब पांच हजार ऐसे लोगों पर वारंट तो जारी हुआ लेकिन जान कर हैरत होगी कि करीब चार हजार वारंट की अवधि समाप्त हो गयी पर कार्रवाई नहीं हुयी। वहीं शेष एक हजार वारंट विभिन्न थानों में तामिला को लंबित है। जिला से लेकर मुख्य सचिव तक के लगातार पत्राचार के बावजूद हालात यह है कि बीते वित्तीय वर्ष में महज 8 करोड़ 23 लाख की ही वसूली हो सकी। इस वर्ष 10 करोड़ वसूली का लक्ष्य है। अगर लक्ष्य पूरा भी हो गया तो 1 अरब 12 करोड़ रूपये बकाया रह ही जाएगा। इधर हाल यह है कि हर वर्ष करीब दस से पंद्रह करोड़ का नया सर्टिफिकेट केस हो रहा है। ऐसे में जिस रफ्तार से काम हो रहा है, आंकड़ा अरब के नीचे आ पाना मुश्किल दिख रहा है।
मई माह तक 20462 सर्टिफिकेट केस
वैशाली जिले में सर्टिफिकेट केस की संख्या मई माह तक 20462 पर पहुंच गयी है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे केस भी हैं जो वर्षो से नीलाम पत्र कोर्ट में चल रहे हैं। बैंकों के अलावा खनन, विद्युत, पंचायत, श्रम विभाग के सर्वाधिक केस हैं।
5000 लोगों पर जारी है वारंट
नीलाम पत्र कोर्ट द्वारा करीब पांच हजार लोगों के विरुद्ध वारंट जारी किया गया है। वारंट के तामिला की गति काफी धीमी है। थाना के स्तर पर कार्रवाई न होने से करीब चार हजार वारंट की अवधि समाप्त हो चुकी है। करीब एक हजार वारंट विभिन्न थानों में लंबित है।
8 करोड़ 23 लाख की हुयी है वसूली
1 अरब 21 करोड़ 94 लाख के विरुद्ध बीते वित्तीय वर्ष में 31 मार्च 15 तक मात्र 8 करोड़ 22 लाख 84 हजार रूपये की वसूली हो सकी है। इसमें सिर्फ राष्ट्रीय लोक अदालत में करीब दो करोड़ रूपये की वसूली हुयी है। चालू वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रूपये की वसूली का लक्ष्य है। वसूली की रफ्तार काफी सुस्त है।
23 कोर्ट में चल रही मामलों की सुनवाई जिला से लेकर अनुमंडल एवं अंचल तक सर्टिफिकेट केस की सुनवाई 23 कोर्ट में चल रही है। जिला मुख्यालय में 11 कोर्ट कार्यरत है जहां वरीय उप समाहर्ता मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। वहीं हाजीपुर, महुआ एवं महनार अनुमंडल में दो-दो कोर्ट कार्यरत है जहां एसडीओ एवं कार्यपालक दंडाधिकारी सुनवाई कर रहे हैं। इसके अलावा जिले के 16 अंचल में सीओ सर्टिफिकेट केस की सुनवाई कर रहे हैं।
जो रफ्तार, पूरी वसूली मुमकिन नहीं
वसूली की जो रफ्तार है उसमें कभी पूरी राशि की वसूली संभव नहीं दिख रही। वर्तमान के आंकड़े पर गौर करें तो 1 अरब 21 करोड़ 94 लाख रूपया बकाया है। बीते वित्तीय वर्ष 2014-15 में 8 करोड़ 22 लाख 84 हजार रूपये की वसूली हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रूपये वसूली का लक्ष्य है। ऐसे में अगर शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो जाए तब भी 1 अरब 12 करोड़ बकाया रह ही जाएगा। हर वर्ष दस से पंद्रह करोड़ का नया सर्टिफिकेट केस हो रहा है। जाहिर है कि एक अरब से ज्यादा राशि हमेशा बकाए में ही रहेगी।