भूमि अधिग्रहण अधिनियम में बदलाव उचित नहीं : कांग्रेस
संवाद सूत्र, हाजीपुर संसद द्वारा वर्ष 2013 में पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम में किए जा रहे बदलाव के
संवाद सूत्र, हाजीपुर
संसद द्वारा वर्ष 2013 में पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम में किए जा रहे बदलाव के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को हाजीपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना देकर अपना विरोध जताया।
धरना के बाद कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित अपनी मांगों का ज्ञापन डीएम को दिया। राष्ट्रपति के नाम दिए गए ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि 2013 का भूमि अधिग्रहण अधिनियम गहरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सभी पक्षों से विचार-विमर्श व संवाद स्थापित करते हुए संसद में पेश किया गया था। संसद के दोनों सदनों ने एकमत से अधिनियम को पारित किया। इस अधिनियम को न केवल सभी पक्षों के साथ न्याय करने वाले कानून के रूप में देखा गया। बल्कि यह एक ऐतिहासिक, क्रांतिकारी व रचनात्मक कानून के रूप में भी माना गया। परंतु दुर्भाग्य वश मोदी सरकार ने आते ही एक अध्यादेश लाकर जिस आनन-फानन में उस अधिनियम की आत्मा को ही खत्म करने की कोशिश की तथा लोकसभा में पारित नये विधेयक में भूमि अधिग्रहण के लिए कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा की गयी 70-80 प्रतिशत किसानों की सहमति की अनिवार्यता को भी समाप्त करना चाह रही है। धरना कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष राकेश कुमार यादव, मुन्ना शुक्ला, रण विजय सिंह, प्रमोद पासवान, साकेत कुमार सिंह, हरि सिंह, राजेश राय, शिव चंद्र शुक्ला, मंटू पासवान एवं सीमा कुमारी आदि शामिल थे। सभी ने मोदी सरकार के इन तमाम गरीब मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध करते हुए राष्ट्रपति से इस दिशा में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर राघोपुर प्रखंड कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में राघोपुर प्रखंड मुख्यालय परिसर में केंद्र सरकार के गरीब व किसान विरोध नीति के विरोध में धरना दिया गया। साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। धरना पर बैठे कांग्रेस कमेटी के चंदेश्वर नारायण सिंह, बनारस प्रसाद राय, अशोक कुमार सिंह, प्रमिला देवी, सिद्ध नाथ सिंह, दिग्विजय सिंह, विंदा सिंह, उषा देवी, राजेंद्र राय, राम सागर राय, विकास कुमार सिंह एवं वीणा देवी आदि शामिल थे। धरना के बाद कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन बीडीओ को दिया। राष्ट्रपति के नाम संबोधित दिए गए ज्ञापन में वर्ष 2013 में संसद द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम में किए जा रहे बदलाव के जमकर विरोध किया गया है। साथ ही मोदी सरकार के इन तमाम गरीब, मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध करते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की गयी है।