स्वच्छता के जरिये स्वस्थ्य समाज का निर्माण कर रहे प्रो. लखन
रविशंकर शुक्ला, हाजीपुर : मेडिकल साइंस का पहला सिद्धांत है, 'प्रीवेंशन इज बेटर दैन क्योर'। सावधानी ब
रविशंकर शुक्ला, हाजीपुर : मेडिकल साइंस का पहला सिद्धांत है, 'प्रीवेंशन इज बेटर दैन क्योर'। सावधानी बरती जाए तो बीमारी पनपेगी ही नहीं। स्वच्छता के जरिये स्वस्थ्य समाज के निर्माण में जुटे हैं हाजीपुर के सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर डा. राम लखन साह। स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ाते, बताते कि कैसे बीमारियों को रोका जा सकता है।
मोक्ष की भूमि हाजीपुर के कोनहारा घाट के समीप रहते हैं डा. साह। अभी आठ माह पूर्व आरएन कालेज से एसोसिएट प्रोफेसर के पद से रिटायर हुए हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने स्वच्छता के जरिये स्वस्थ्य समाज के निर्माण का बीड़ा उठाया है। राह में कठिनाइयां भी बहुत पर हौसले बुलंद हैं। घर से और खुद से की है शुरुआत। छोटी सी बागवानी। फूलों के साथ मेडिसिनल प्लांट भी लगा रखा है। यहां बच्चों को पढ़ाते भी हैं। किताबों की शिक्षा नहीं बल्कि स्वच्छ रहने-स्वस्थ्य रहने की नैतिक शिक्षा देते हैं। आसपास एवं मोहल्ले के लोगों को बताते हैं कि कैसे स्वच्छ रहकर स्वस्थ्य रहा जा सकता है? बताते हैं कि एक तुलसी का पौधा पंद्रह वर्ग मीटर के एरिया को प्रदूषण से मुक्त रखता है। सारी बीमारियों का इलाज है तुलसी के पत्ते का सेवन। फूल-पौधे मन को आनंद भी देते हैं और तनाव से मुक्ति भी। आज लोग तनाव में जी रहे हैं। ऐसे में फूल-पौधों के बीच रहकर तनाव को दूर किया जा सकता है। बताते हैं कि सारी बीमारियों का कारक है, वायरस एवं बैक्टिीरिया। दावा करते हैं कि स्वच्छता से दोनों को रोका जा सकता है। दावा करते हैं कि अगर स्वच्छ रहा जाए तो डाक्टर के यहां जाने की जरुरत नहीं। खुले में शौच बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। अप्रैल-मई माह में सबसे ज्यादा बीमारी इस कारण फैलती है क्योंकि फसल कट जाते हैं और लोग खेतों में शौच जाते हैं।