आतंकियों की न जाति और न धर्म
जागरण संवाददाता, हाजीपुर पाकिस्तान ने जो बोया उसी की फसल अब काट रहा है। आस्तीन में सांप पालने वाल
जागरण संवाददाता, हाजीपुर
पाकिस्तान ने जो बोया उसी की फसल अब काट रहा है। आस्तीन में सांप पालने वाले कुछ अच्छे की उम्मीद कैसे कर सकता है? आतंकवादियों ने मासूमों का खून बहा कर साबित कर दिया है कि उनकी न कोई जाति है और न धर्म।
हाजीपुर के टाउन हाईस्कूल में बुधवार को पाकिस्तान के पेशावर स्थित सैनिक स्कूल में आंतकी कार्रवाई में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि देने के दौरान प्राचार्य ने यह बाते कही। घटना पर क्षोभ प्रकट करते हुए प्राचार्य डा. सरवर आलम खान ने कहा कि तालिबान को परश्रय देते रहे पाक को अब खुद ही लहुलुहान होना पड़ रहा है। घटना पर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चे तो भगवान का रुप होते हैं। बच्चे किसी देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की संपदा, धरोहर होते हैं। उन पर गोलिया बरसा कर मौत की नींद सुला देना बर्बरता की पराकाष्ठा है। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। इस दौरान निकहत अंजुम, डा. सुरेश शास्त्री, सुमित कुमार, डा. नीलम कुमारी, शालू प्रिया, डा. आरती कुमारी, डा. श्याम किशोर ठाकुर, सतीश कुमार, पंकज सिन्हा, पारसनाथ यादव, अशोक कुमार राम, दिनेश सिंह, अभिषेक चंदन, कुमार अभिषेक आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने घटना की कड़ी निंदा की। इस दौरान शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ विद्यालय के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं ने मौन रख कर श्रद्धांजलि दी।