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राष्ट्रीय लोक अदालत में 32 हजार मामले निपटाने का लक्ष्य

जागरण संवाददाता, हाजीपुर आगामी 6 दिसंबर को पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा।

By Edited By: Published: Mon, 27 Oct 2014 01:06 AM (IST)Updated: Mon, 27 Oct 2014 01:06 AM (IST)
राष्ट्रीय लोक अदालत में 32 हजार मामले निपटाने का लक्ष्य

जागरण संवाददाता, हाजीपुर

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आगामी 6 दिसंबर को पूरे भारत वर्ष में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में समारोह पूर्वक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा। लगभग 32 हजार विभिन्न मामलों का निस्तारण करने का लक्ष्य रखा गया है।

लोक अदालत के आयोजन को लेकर जोर-शोर से की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन होगा। लोक अदालत में सुलह योग्य आपराधिक, दीवानी, राजस्व, बैंक ऋण, पारिवारिक विवाद, श्रमिक, उत्पाद, वन मनरेगा, बिजली, भू-अर्जन तथा मोटर व रेलवे क्लेम के साथ-साथ अन्य छोटे-छोटे वादों का भी निस्तारण किया जाएगा। सुगमता से वादों का निस्तारण हेतु कई बेंच बनाए जाएंगे। प्रत्येक बेंच में एक न्यायिक पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी के साथ ही विद्वान अधिवक्ता सदस्य के रुप में कार्यरत रहेंगे। राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अन्य पदाधिकारियों के साथ ही संबंधित विभागों, संस्थाओं के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे। करीब 30 से 32 हजार वादों का निस्तारण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संबंधित पक्षकारों को नोटिस भेजी जा चुकी है। सभी तरह के वादों का निस्तारण उभय पक्षों के आपसी सुलह-समझौतों के आधार पर किया जाएगा। जिला जज श्री सिंह ने कहा कि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा के निर्देशानुसार उनके संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा है ताकि लोग जागरुक होकर दी जा रही कानूनी सहायता व लोक अदालत का लाभ ले सकें।

मुफ्त कानूनी सहायता हासिल करने के अधिकार

-वैसा व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक न हो

-वह अनुसूचित जाति-जन जाति समुदाय से आता हो।

-वह व्यक्ति जो मानव दु‌र्व्यवहार से पीड़ित हो

-वैसी महिला जिनकी आयु 18 वर्ष से कम फिर वैसे बच्ची जिनकी उम्र 16 वर्ष से कम हो।

-वैसा व्यक्ति जो मानसिक रुप से बीमार अथवा शारीरिक रुप से लाचार व अक्षम हो।

-वैसा व्यक्ति जो प्राकृतिक आपदा, जातीय हिंसा, जातीय नृशंसता या औद्योगिक दुर्घटना के कारण पीड़ित हो।

-वह व्यक्ति जो आद्योगिक मजदूर अथवा कर्मकार हो।

-वैसा व्यक्ति जो किसी तरह की अभिरक्षा या मन: चिकित्सीय परिचर्या गृह में रह रहा हो।


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