पच्चीस लाख रुपये दो.. लड़का ले जाओ
जागरण संवाददाता, हाजीपुर तुम्हारा लड़का हमारे कब्जे में है। पच्चीस लाख रुपये दो और लड़का ले जाओ। ये
जागरण संवाददाता, हाजीपुर
तुम्हारा लड़का हमारे कब्जे में है। पच्चीस लाख रुपये दो और लड़का ले जाओ। ये शब्द किसी स्थापित अपहरणकर्ता गिरोह के सदस्यों के नहीं बल्कि आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले तीन बच्चों की है। मोहल्ले से अपहृत मासूम को मुक्त करने के लिए फिरौती की राशि की मांग की जा रही थी। बच्चों को नहीं मालूम था कि मोबाइल पर वे जो बात कर रहे हैं उस पर पुलिस नजर रख रही है। मोबाइल के काल डिटेल के आधार पर तीनों बच्चे पकड़े गए। खुद नगर थाने में वैशाली के पुलिस कप्तान ने जब बच्चों से पूछताछ की तो वे हैरत में पड़ गए।
हुआ यूं कि हाजीपुर के अदलबाड़ी बुद्धा कालोनी के अवधेश सिन्हा का पुत्र विनायक कुमार रक्षाबंधन के दिन शाम चार बजे से गायब है। वह शहर के सूरजदेव मेमोरियल स्कूल के पांचवीं कक्षा का छात्र है। इस मामले में बाद में अपहरण की प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज हुयी थी। अवधेश एलआईसी में एजेंट का काम करते हैं। दरअसल अवधेश के पिता अरुण कुमार सिन्हा सरकारी विद्यालय में शिक्षक थे और हाल ही में रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के दौरान मिले रुपये पर नजर थी और बताया जाता है कि उसी को लेकर विनायक का अपहरण हुआ। इस मामले में मंगलवार को नया मोड़ तब आया जब तीन बच्चे फिरौती मांगने के आरोप में पकड़े गए। विशाल, धर्मेश एवं उत्सव नामक बच्चे विनायक के परिजनों से फिरौती की राशि की मांग कर रहे थे। एसपी सुरेश प्रसाद चौधरी ने नगर थाना पहुंच कर पकड़े गए तीनों बच्चों से गहन पूछताछ की। एसपी ने बताया कि मोबाइल के काल डिटेल के आधार पर तीनों बच्चों को पकड़ा गया है। तीनों बच्चे शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल के आठवीं एवं नौवीं कक्षा के छात्र हैं। एसपी ने बताया कि बच्चे उसी मोहल्ले एवं आसपास के हैं। बच्चों को जैसे मालूम हुआ कि विनायक गायब हुआ है, तीनों बच्चों ने परिजनों से अपहरण की बात कहते हुए फिरौती की राशि की मांग करने लगा। पहले 25 लाख रुपये की मांग की। उसके बाद 15 लाख, फिर 10 लाख, 5 लाख एवं अंत में ढाई लाख रुपये की मांग की। पुलिस बच्चों की परिजनों से बातचीत पर नजर रखे हुए थी। काल डिटेल के आधार पर तीनों बच्चों को पकड़ा गया है। पकड़े गए बच्चों में एक आर्किटेक्ट, दूसरा वकील एवं तीसरा किसान का बच्चा है। दो अदलबाड़ी मोहल्ले एवं तीसरा बागमली का रहने वाला है। अपहृत बच्चे के संबंध में ठोस सुराग मिलने के बावत पूछे जाने पर एसपी ने बताया कि अब तक पूछताछ में जो बात सामने आयी है उससे लगता है कि बच्चों ने पैसे के लिए यह पूरा ड्रामा किया था। बच्चों का ठोस सुराग नहीं मिल सका है। बच्चों ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया कि पैसे से वे लोग यामहा कंपनी की आर वन-5 बाइक खरीदते। ऐश-मौज करते। छोटे-छोटे बच्चों की शातिर प्लानिंग सुन एसपी भी हैरत में पड़ गए। थाने में पकड़े गए बच्चों से घंटों गहन पूछताछ की गयी।