महनार में नाव डूबी, आधा दर्जन लोग बहे
संवाद सहयोगी, महनार
महनार के हसनपुर के समीप सोमवार को गंगा की तेज धार में एक नाव पलट गयी। इस पर सवार करीब आधा दर्जन लोग पानी के तेज बहाव में बह गए। बाद में बड़ी नाव के सहारे बहते हुए लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। हालांकि इस दौरान सभी करीब पांच किलोमीटर तक पानी की तेज धार में बहते जिंदगी और मौत से जूझते रहे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हादसा सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे हुआ। हसनपुर दक्षिणी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय हसनपुर नया टोला के समीप गंगा नदी के तेज बहाव में एक नाव पलट गयी। छोटी नाव जिसे यहां डेंगी कहते हैं, उस पर करीब आधा दर्जन लोग सवार थे। सभी घास लाने पलवैया दियारा गए थे। हसनपुर उत्तरी एवं दक्षिणी दो पंचायतों के लोगों की गंगा उस पार खेती होती है। जहां से घास लेकर लौटते वक्त यह हादसा हुआ। नाव जब पलटी तो उसपर सवार किसान घास के बोझा को पकड़ लिए और उसी के सहारे पानी की तेज धार में बहते समस्तीपुर के रसुलपुर के समीप चले गए। जहां बड़ी नाव से पीछा कर पानी में बहते उन लोगों को सुरक्षित छान कर बाहर निकाला गया। समस्तीपुर के बुलगानी चौक पर पटोरी थाना पुलिस ने सभी बचाए गए लोगों का बयान दर्ज किया। हसनपुर उत्तरी पंचायत के हसनपुर नया टोला के शिवराम ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि घास लेकर लौटने के दौरान बीच नदी में नाव पलट गयी।
पहले वह घास का बोझा पकड़े हुए नदी की तेज धार में कूद गये। इसी दौरान उन्हें बड़ी नाव दिखाई पड़ी। वे चिल्लाए तो नाव वालों ने आकर उन्हें बचाया। अन्य लोगों के बहने की सूचना दी। चार लोग नाव पकड़कर पानी की धार में बह रहे थे। जबकि गोविंद राम बगैर किसी सहारे के ही पानी की धार में बह रहा था। सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। नाव पर हसनपुर नया टोला के शिवराम के अलावा विजय भगत, विनोद पासवान, नरेश पासवान, भोचन भगत एवं गोविंद राम सवार थे।
इनसेट
डेंगी के सहारे ही सैकड़ों लोग हर दिन जाते दियारा
महनार : नौका हादसा में भगवान का शुक्र है कि सभी बाल-बाल बच गए। लेकिन यहां गंभीर सवाल खड़ा है कि आखिर कब तक लोगों को इसी तरह भगवान भरोसे छोड़ा जाता रहेगा। स्थानीय लोग बताते हैं कि हसनपुर उत्तरी एवं दक्षिणी पंचायत के लोगों की खेती-बारी गंगा उस पार पलवैया दियारा में है। हर दिन सैकड़ों किसान उस पार जाते हैं। उनके आने-जाने का एकमात्र साधन छोटा नाव यानि डेंगी है। नदी की तेज धार में डेंगी कब बह जाए यह किसी को पता नहीं। पूर्व में भी कई बार ऐसी घटनाएं घटती रही है। आज तक यहां सरकारी स्तर पर बड़े नाव की व्यवस्था नहीं की गयी। खास कर जब गंगा उफान पर होती है, उस वक्त भी लोग डेंगी से ही आते-जाते हैं। इस घटना के बाद यह देखना शेष होगा कि प्रशासन वहां सुरक्षा के इंतजाम कराती है या नहीं? अगर वहां बड़े नाव की सरकारी स्तर पर शीघ्र व्यवस्था नहीं की गयी तो आने वाले दिनों में बड़ी दुर्घटना होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय
महनार : सही कहा गया है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय। जिस पर भगवान की कृपा हो उसका काल भी बाल बांका नहीं कर सकता। यह बात सोमवार को महनार में घटित नौका हादसा में सच साबित हुई है। गंगा इस वक्त उफान पर है। नदी की तेज धार में यहां नाव डूब गयी। जिस पर सवार लोग बहते चले गये। शिवराम को घास के बोझा का सहारा मिला तो विजय भगत, विनोद पासवान, नरेश पासवान एवं भोचन पासवान डूबती नाव को पकड़कर नदी की तेज धार में बहते गये।
हैरत की बात है कि गोविंद राम बगैर किसी सहारे के नदी की तेज धार में पांच किलोमीटर तक बहता चला गया। सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। सभी के परिजन खुश हैं और भगवान की दुहाई दे रहे हैं।