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लालगंज में चापाकल का पानी पीने से 67 बच्चे बीमार

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 01:04 AM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 01:04 AM (IST)
लालगंज में चापाकल का पानी पीने से 67 बच्चे बीमार

संवाद सूत्र, लालगंज

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लालगंज प्रखंड के पंचदमिया उत्क्रमित मध्यविद्यालय में चापाकल का पानी पीने से पांच दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए। बच्चों को इलाज के लिए आनन-फानन में लालगंज के रेफरल व निजी अस्पताल में लाया गया। बीमार बच्चों में एक दर्जन बच्चों की हालत ज्यादा खराब बतायी गयी है। आठ का इलाज रेफरल अस्पताल व अन्य चार को अभिभावकों ने हाजीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया गया है कि चापाकल में कीटनाशक थाइमेट डाला गया था। पानी से थाइमेट की बदबू आ रही थी। चापाकल के पास कीटनाशक दवा थाइमेट के दाने पाए गए हैं। सूचना मिलने के साथ हाजीपुर एसडीओ, बीडीओ, बीईओ व थानाध्यक्ष तत्काल वहां पहुंचे। चापाकल को सील कर दिया गया है। चापाकल स्थानीय एक व्यक्ति का बताया गया है। इस मामले की गहन जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय के बच्चे मिड डे मिल खाने के बाद विद्यालय परिसर में गाड़े गए चापाकल पर पानी पीने गए। कुछ बच्चों ने पानी पीया। कुछ ने पानी में दुर्गध पाकर पानी नहीं पिया। जहरीला पानी पीने के साथ बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। उन बच्चों को उल्टी और पेट में मरोड़ की शिकायत महसूस हुयी। बच्चों की हालत देख शिक्षकों के होश उड़ गए। प्रधानाध्यापक कलीमुद्दीन विद्यालय में अनुपस्थित थे। शिक्षिका कंचन बाला ने बीडीओ, बीईओ व अन्य अधिकारियों की सूचना दी। जिन बच्चों ने पानी नहीं पी थी उन्होंने घर जाकर अपने अभिभावकों को इसकी जानकारी दी। पानी में जहर डाले जाने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में अफरातफरी मच गयी। सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण विद्यालय पहुंच गए। ग्रामीणों व शिक्षकों ने पानी की जांच की तो पानी से दुर्गध निकलता पाया। चापाकल के आसपास कीटनाशक थाइमेट के दाने बिखरे पाए गए। दुर्गध के बावजूद प्यासे करीब 67 बच्चे जहरयुक्त पानी पी चुके थे। सूचना पाकर सदर एसडीओ सोमेश बहादुर माथुर, बीडीओ संजीत कुमार, सीओ रवीन्द्र कुमार, थानाध्यक्ष चंदन कुमार अस्पताल पहुंचे। उन बच्चों को इलाज के लिए आनन-फानन में लालगंज रेफरल अस्पताल लाया गया। कुछ बच्चों को स्थानीय निजी नर्सिग होम में भी इलाज के लिए लाया गया। चिकित्सकों ने बच्चों की जांच-पड़ताल की। उनमें से एक दर्जन बच्चों को कुछ ज्यादा प्रभावित पाया गया। उनमें से आठ का इलाज रेफरल अस्पताल में जबकि चार को इलाज के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेजा गया है। हालांकि सभी बच्चों को खतरे से बाहर बताया गया है। सभी बच्चे स्थानीय पंचदमियां गांव के हैं।

जहर युक्त पानी पीने से प्रभावित बच्चे

सोनाली कुमारी 7 वर्ष, प्रिया कुमारी 5 वर्ष, ज्योति कुमारी 5 वर्ष, कोमल कुमारी 5 वर्ष, पूजा कुमारी 12 वर्ष, दयानंद 5 वर्ष, मौसम कुमारी 5 वर्ष, अनु कुमारी 12 वर्ष, रुबी कुमारी 8 वर्ष, पप्पु कुमार 12 वर्ष, दीपक कुमार 10 वर्ष, आकाश कुमार 13, रोहित कुमार 10, बबलू 14, अभिषेक 10, शिवम 13, राजू 10, कंचन 14, पूजा 15, रितिक 5, रविशंकर 13 वर्ष, रवि कुमार 13, टुनटुन 12, नीरज 14, सोहानी 5 वर्ष, सुद्धांशु 5, शशिकांत 13, निधि कुमारी, रोहित 6, सोनम 6 वर्ष, श्वेता 7, काजल 7 वर्ष, माला 12 वर्ष, अनु, संजीव कुमार, अमन, विकास, खुशबू, अंकित, आरती, सोनम, सन्नी, सोनी, मोनू, चंदन, विक्की, प्रीति, अनंत, अंजली, नेहा, सन्नी, निखिल, सोहानी, सुद्धांशु, कृष्णा कुमार जबकि हाजीपुर सदर अस्पताल में गंभीर हालत में टुनटुन महतो की पुत्री पिंकी कुमारी 12 वर्ष, माला कुमारी पिता दीपक महतो 12 वर्ष, पूजा कुमारी पिता राजकुमार 16 वर्ष, काजल कुमारी पिता लक्ष्मी महतो 14 वर्ष को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

सदर अस्पताल में इलाज की खास व्यवस्था

डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन डा. रामाशीष कुमार ने बीमार बच्चों के इलाज के लिए आपात व्यवस्था की है। सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक डा. नवीन कुमार, डा. पीएन झा, डा. विजय कुमार को खास तौर पर तैनात किया गया है। इस संबंध में सिविल सर्जन ने कहा कि पानी में घुलने के साथ ही थायमेट का काफी कुछ असर खत्म हो जाता है। ज्यादातर बच्चे खतरे बाहर हैं। सदर अस्पताल में भर्ती बच्चों का इलाज किया जा रहा है वहीं लालगंज रेफरल अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत ठीकठाक है। एहतियात के लिए उन सभी बच्चों को वहां रोक रखा गया है।


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