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बिजली से घिरे गांव में अंधेरे

सुपौल। सूबे की सरकार ने बिजली की बेहतरी के लिए बड़े-बड़े वादे किये। 2015 तक हर घर में

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 06:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 06:28 PM (IST)
बिजली से घिरे गांव में अंधेरे

सुपौल। सूबे की सरकार ने बिजली की बेहतरी के लिए बड़े-बड़े वादे किये। 2015 तक हर घर में

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बिजली नहीं पहुंचने पर वोट नहीं मागने जायेंगे के दावे किये गए, लेकिन वादों को जमीनी हकीकत में तब्दील कर पाना अब भी आसान

नहीं है। बिजली व्यवस्था को लेकर सरकार के दावे हकीकत से अब भी कोसों दूर है। राघोपुर प्रखंड के आदर्श पंचायत बायसी के कई गाव आज भी अंधेरे में जिन्दगी बसर करने को मजबूर हैं। अगल-बगल बिजली बीच में धूप-अंधेरा वाली कहावत यहा पर सटीक बैठती है। यहा के वाशिदे आज भी ढिबरी से विकास की रोशनी तलाश करने में जुटे हैं। गाव में बिजली की चमक बिखरेगी इस आस में ग्रामीणों की आखें पथरा गई है। अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगाते-लगाते यहा की जनता थक चुकी है। लेकिन, कहीं से भी उम्मीद की किरण नहीं दिखाई देती है। अब तो यहा की जनता अपनी किस्मत पर ही रोने को मजबूर हैं। आदर्श पंचायत बायसी के दह्गामा, बायसी गोठ, वार्ड नंबर 9 व काली स्थान परसौनी गाव के लोगों का कहना है कि भले ही राजीव गाधी विद्युतीकरण योजना के

तहत कई गावों को उजाला किया गया। लेकिन हमलोगों की किस्मत खोटी ही रही।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

बायसी गोठ के जर्नादन मिश्र, महानंद झा, धीरेन्द्र मिश्र, विशम्भर साह, जयप्रकाश मिश्र, दह्गामा के मो. शमीम, नसीर, कदमलाल शर्मा, वार्ड नंबर 9 के विजय कुमार मेहता, सुरेश मेहता, सत्यनारायण शर्मा आदि ने बताया कि वर्षो से गाव में बिजली की चमक देखने की आस लगाये हैं अब देखना है कि यह आस कब पूरी होती है। उन्होंने बताया कि उनके अगल-बगल के पंचायत एवं गावों में वर्षो से बिजली की चमक बिखर रही है। लेकिन, उन लोगों को अब तक यह सुविधा नसीब नहीं हो सकी है। हर बार चुनाव के समय बिजली मिलाने का आश्वासन तो मिलाता है। लेकिन

चुनाव खत्म होते ही ये वादे कोरे साबित होते है। बेवस जनता इधर से उधर गुहार लगाती रहती है। लेकिन इनकी आवाज कहीं नहीं सुनी जाती है। इन्होंने बताया कि अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाते-लगाते यहा की जनता थक चुकी है। लेकिन अब तक कहीं से भी उम्मीद की रोशनी नहीं दिख रही है।


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