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परंपरा को ले पिताजी थे संवदेनशील

पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को तिल मिश्रित जल कुश के देने का विधान है। इसकी जानकारी मुझे अपने

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 08:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 08:23 PM (IST)
परंपरा को ले पिताजी थे संवदेनशील

पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को तिल मिश्रित जल कुश के देने का विधान है। इसकी जानकारी मुझे अपने पूज्य पिताजी पं. सूर्य नारायण मिश्र वैद्य से मिली थी। वे इसे पूर्णत: वैज्ञानिक बताते थे। उनके द्वारा बताये गये विधि से प्रतिवर्ष पितृपक्ष में तर्पण करता हूं। ताकि पितर तृप्त हों। हमलोगों को तर्पण से विमुख नहीं होना चाहिए। तर्पण का जल श्रद्धा नामक मार्ग से मध्याह्न काल में पितरों को प्राप्त होता है। ये बातें अपने पिताजी के बारे में उमेश मिश्र ने लिख कर भेजी है। उन्होंने लिखा है कि पिताजी काफी धार्मिक व्यक्ति थे। वे अपनी परंपरा को लेकर काफी संवेदनशील थे। उनके मुताबिक परंपरा का आधार वैज्ञानिक है।


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