गांव के अस्पतालों में नहीं मिलती सर्पदंश की दवा
सुपौल। बरसात के मौसम में कोसी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा के साथ सर्पदंश की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। गांव में सर्पदंश के उपचार सहज उपलब्ध नहीं हो पाते। ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश की दवा उपलब्ध नहीं रहती। नतीजा कई लोगों की मौत हो जाती है।
सुपौल। बरसात के मौसम में कोसी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा के साथ सर्पदंश की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। गांव में सर्पदंश के उपचार सहज उपलब्ध नहीं हो पाते। ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश की दवा उपलब्ध नहीं रहती। नतीजा कई लोगों की मौत हो जाती है।
पड़ जाते हैं झाड़-फूंक के चक्कर में
कोसी क्षेत्र में सांप बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं। जिनमें से कई विषैले होते हैं। यहां के विषैले सांपों में गेहूंअन, अधसर, करैत जैसे कई प्रजाति शामिल है। गर्मी व बरसात के मौसम में इसका प्रकोप काफी बढ़ जाता है। सर्पदंश की स्थिति में उपचार सहज नहीं उपलब्ध होने के चलते गांव के लोग झाड़-फूंक के चक्कर पर पड़ जाते हैं और झाड़-फूंक का जब कोई असर नहीं दिखता तब मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। विषैले सांप के काटने की स्थिति में अगर उसका इलाज अधिक से अधिक एक घंटे के अंदर शुरू किया गया तो यह घातक हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में इस स्थिति में अक्सर देखा गया है कि सांप काटा व्यक्ति को जबतक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा इससे उपर वाले दर्जे के अस्पताल तक इलाज के लिए ले जाया जाता तब तक काफी देर हो जाती है।
तटबंध के अंदर नहीं है कोई अस्पताल
सुपौल जिले में 21 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 178 उप स्वास्थ्य केन्द्र है। ये अस्पताल सब के सब तटबंध के बाहर वाले भाग में स्थित है। तटबंध के अंदर एक भी अस्पताल नहीं है। यही कारण है कि सांप काटने से सबसे अधिक तटबंध के अंदर ही मौत होती है। तटबंध के अंदर का भाग ऐसा दुरूह क्षेत्र है जहां सांप काटने वाले मरीज को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा इससे उपर दर्जें वाले अस्पताल तक लाना काफी दुष्कर होता है। इस क्षेत्र में आवागमन की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।
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कोट---
सर्पदंश की दवा को फ्रीज में रखा जाता है। इसलिए यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा उपकेन्द्र में उपलब्ध नहीं रहती। यह दवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रहती है।
डा.बिल्टु पासवान
एसीएमओ,
सदर अस्पताल, सुपौल
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केस स्टडी-01
26 जून को भीमपुर थाना क्षेत्र के भीमपुर पंचायत की रामवती देवी को घास काटने के दौरान विषैला सांप ने काट लिया। लेकिन तत्क्षण उसका इलाज कराने के बजाय परिजन झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ गए। करीब दो घंटे के झाड़-फूंक के बाद महिला की स्थिति गंभीर होता देख ओझा भी पतली गली से निकल लिया। तत्पश्चात छातापुर अस्पताल ले जाया गया लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। नतीजा महिला इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दी।
केस स्टडी-02
29 जून को मरौना थाना क्षेत्र के सरोजाबेला पंचयात के कोनी गांव के वार्ड नं.-11 की देव प्रसाद यादव की 15 वर्षीय पुत्री धुरणी कुमारी को घास काटने के दौरान सांप ने काट लिया। उसके साथ घास काट रही अन्य महिलाओं ने परिवार वालों को इसकी खबर दी। तत्पश्चात परिवार वाले इलाज के लिए उसे निर्मली अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसने लालपुर गांव के पास ही दम तोड़ दिया।
केस स्टडी-03
17 जुलाई को वीरपुर थाना क्षेत्र के गुलामी विशनपुर गांव के पासवान टोला में दिलीप पासवान नामक युवक को सांप ने काट लिया। दिलीप उस वक्त अपने आंगन में बैठा था। आनन-फानन में लोगों ने उसे इलाज के बलुआ अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही उसने दम तोड़ दिया।