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अब मजदूरी के लिए नहीं भटकेंगे मनरेगा मजदूर

सहरसा। अब मनरेगा योजना में काम कर भुगतान के लिए मजदूरों को भटकना नहीं पड़ेगा। मजदूरी म

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 04:30 PM (IST)
अब मजदूरी के लिए नहीं भटकेंगे मनरेगा मजदूर
अब मजदूरी के लिए नहीं भटकेंगे मनरेगा मजदूर

सहरसा। अब मनरेगा योजना में काम कर भुगतान के लिए मजदूरों को भटकना नहीं पड़ेगा। मजदूरी मनरेगा योजना में मजदूरी भुगतान की आ रही समस्या पर सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है। इस आदेश के तहत पंचायत की कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन के

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प्रावधान के नाम पर मजदूरों के भुगतान में अकारण विलंब नहीं किया जा सकेगा। बल्कि मजदूरों की मजदूरी और सामग्री मद की राशि भुगतान के बाद उसे अनुमोदन के लिए कार्यकारिणी में प्रस्तुत किया जाएगा। मजदूरी

भुगतान में देरी पर न्यायालय द्वारा नाराजगी व्यक्त किए जाने के कारण ग्रामीण

विकास विभाग के सचिव अरविन्द कुमार चौधरी ने पूर्व के आदेश को विलोपित करते हुए यह निर्देश दिया है।

क्या थी भुगतान की प्रक्रिया

मनरेगा अधिनियम के प्रावधान के अनुसार योजना मद में प्रत्येक सप्ताह पंचायत कार्यकारिणी में अनुमोदन पश्चात ही व्यय किया जाना है। अधिनियम के अंतर्गत जो कार्य हो रहे हैं उनमें होने वाले व्यय से संबंधित मजदूरी व सामग्री भुगतान एमआइएस से जेनरेट किया जाना है। उस विवरणी को ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन उपरांत ही उस विवरणी में सन्निहित राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन नए प्रावधान में इसे विलोपित कर दिया गया है।

व्यय पूर्व अनुमोदन की अनिवार्यता हुई समाप्त

सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण सरकार ने भुगतान पूर्व कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन

अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अब सामग्री एवं मजदूरी मद का भुगतान ससमय कर दिया जाएगा। भुगतान उपरांत इसकी विवरणी ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति में अवलोकन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। इससे बैठक के नाम पर मजदूरों को महीनों इंतजार नहीं करना होगा।

-- कार्यकारिणी समिति की बैठक के नाम के पर मजदूरी भुगतान को महीनों लटकाया जाता था, जिससे मजदूरों में कार्य के प्रति रुचि समाप्त होती जा रही थी। पलायन की समस्या भी बढ़ती थी। नये निर्देश के आलोक में भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना होगा। इससे मजदूरों का ठहराव भी होगा।

- दारोगा यादव, डीडीसी, सहरसा


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