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सख्ती के बावजूद जारी है शराब की आवाजाही

सुपौल। सूबे की सरकार ने बिहार को पूर्ण शराबबंदी राज्य घोषित कर दिया है। पूर्ण शराबबंदी

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 04:42 PM (IST)
सख्ती के बावजूद जारी है शराब की आवाजाही

सुपौल। सूबे की सरकार ने बिहार को पूर्ण शराबबंदी राज्य घोषित कर दिया है। पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू करने को ले सरकार ने उत्पाद अधिनियम में संशोधन करते हुए अधिनियम को और सख्त कर दिया है। शराब बेचने, शराब पीने व शराब का निर्माण करने पर पूर्ण प्रतिबंध है। सरकार के प्रयास के बावजूद पड़ोसी राज्य व पड़ोसी देश के कारण सूबे में पूर्ण शराबबंदी सफ ल होता नहीं दिख रहा। भारत-नेपाल के सीमावर्ती सुपौल जिले में आए दिन शराब पकड़ाना, शराबी का गिरफ्त में आना और शराब के अवैध निर्माण में लगे अवैध भट्ठियों को धराशायी करने का मामला सामने आ रहा है। कोई भी ऐसा दिन नहीं जब शराब की बरामदगी अथवा शराबी की गिरफ्तारी न होती हो। भारत-नेपाल का सीमावर्ती होने का खामियाजा सुपौल जिला पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भुगत रहा है।

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पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू करने को ले सरकार ने पुलिस विभाग, उत्पाद विभाग के साथ-साथ सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को भी जवाबदेही सौंपी है। उत्पाद विभाग को चुस्त-दुरुस्त बनाया गया है, संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। उत्पाद विभाग भी पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने की दिशा में दिन-रात एक किए हुए है। छापामारी का दौर चल रहा है और शराब की बरामदगी हो रही है। पुलिस विभाग भी इस दिशा में सजग है। सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को भी शराब की बरामदगी व शराबियों के धर-पकड़ में सफलता मिल रही है। बावजूद भारतीय भू-भाग में नेपाली शराब की आवाजाही जारी है।

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद पड़ोसी राज्य बंगाल, उत्तर प्रदेश व झारखंड की बाछें खिल गई है। राज्यों की सीमा पर भी शराब का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। नतीजा है कि बंगाल, उत्तर प्रदेश व झारखंड से भी शराब बिहार में आ रही है। इतना ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल से तो शराब की आवाजाही धड़ल्ले से जारी है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि सुपौल जिले में जो भी शराब बरामद हो रही है। उसमें अधिकाश नेपाल निर्मित शराब बरामद हो रही है। लोग भी सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण नेपाली भू-भाग में आसानी से चले जाते हैं और गला तर कर वापस लौट आते हैं। कभी-कभार ब्रेथएनालाइजर टेस्ट में कुछ शराबी हत्थे चढ़ते हैं।

पूर्ण शराबबंदी के बाद सुपौल जिले में चोरी-छिपे जो शराब उपलब्ध हो रही है। उसकी मुंह मागी कीमत है। 1600 से 2000 रुपये में आरएस का कॉट तो 4500 से 5000 में हंड्रेड पाइपर का कॉट मिल जा रहा है। शराबबंदी के बाद कई धंधेबाज शराब के इस अवैध कारोबार से जुड़ गए हैं। किसी तरह ये धंधेबाज शराब की खेप बिहार में लाते हैं और मुंह मागी कीमत पर बेचते हैं। जहा तक शराब के शौकीनों का सवाल है तो पाबंदी के बाद अगर उन्हें घर बैठे बिठाए उंची कीमत पर भी शराब उपलब्ध हो जाए तो उनके लिए यह खुशी से कम नही। सरकार के तमाम चौकसी व पाबंदी के बावजूद बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर धंधेबाज व कारोबारी सवालिया निशान तो लगा ही जा रहे।


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