बदले जा रहे तार, फिर भी सुधार की दरकार
सुपौल। उर्जा संकट पर लगाम लगाने व लुंज-पुंज विद्युत व्यवस्था में सुधार को ले सरकार सजग हुई, व्य
सुपौल। उर्जा संकट पर लगाम लगाने व लुंज-पुंज विद्युत व्यवस्था में सुधार को ले सरकार सजग हुई, व्यवस्था बदली बावजूद नहीं लग पाया चोरी पर लगाम। आज भी खुलेआम बिजली की चोरी जारी है और विभागीय अधिकारी निश्चिंत हैं। विद्युत व्यवस्था में सुधार को ले सरकार ने इसका जिम्मा निजी कंपनियों के हाथों सौंप दिया। व्यवस्था में सुधार को ले निजी कंपनियां आगे आई और खुली तार की जगह पोलों पर कवर्ड वायर लगाये जाने लगे। पोलों पर नीचे झूलते तारों को बदला गया। उच्च क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाये गये। जगह-जगह विद्युत पोलों का उंचीकरण भी किया गया। व्यवस्था सुदृढ़ कर विद्युत प्रवाहित करने का काम हुआ। किन्तु इतने के बावजूद विद्युत चोरी पर लगाम नहीं लग पाया। आज भी कई इलाकों में विद्युत पोल की जगह बांस के सहारे विद्युत आपूर्ति हो रही है और साथ ही साथ विद्युत चोरी का दौर भी जारी है। गर्मी के आगाज के साथ ही व्यवस्था में खामी नजर आने लगी है। सुदृढ़ीकरण को ले जगह-जगह विद्युत पोलों पर लगाये गये जंक्शन बॉक्स गर्मी के तेवर के साथ ही जवाब देने लगे हैं। इन जक्शन बॉक्स में लोड व गर्मी के कारण आग लग जा रहा है और कई घरों की बत्ती गुल हो जा रही है। कुछ दिन पूर्व जिला मुख्यालय स्थित रेलवे माल गोदाम के समीप व स्टेशन चौक पर मंदिर के समीप पोल पर लगा जंक्शन बॉक्स धू-धू कर जल गया। सूचना पर विभागीय मिस्त्री पहुंचे किन्तु तब तक तो जंक्शन बॉक्स राख में तब्दील हो चुका था। घंटों लोगों के घरों की बिजली बाधित रही। शहरी क्षेत्रों में व्यवस्था बदलने के बाद बिजली चोरी पर तो कुछ अंकुश दिख रहा है। पर ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। आज भी टोके के सहारे बिजली चोरी का दौर जारी है। विद्युत सुदृढ़ीकरण व्यवस्था निजी कंपनियों के हाथ में दिये जाने के बाद विभागीय अधिकारी तो जैसे शिथिल से हो गए हैं। गाहे-बगाहे कभी बिजली चोरी पर लगाम लगाने को ले अभियान चलता है। एक-दो लोग धरे जाते हैं, प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है और अभियान ठंडा पड़ जाता है। कुल मिलाकर सरकार सजग हुई, व्यवस्था बदली पर नहीं लग पाया बिजली चोरी पर लगाम।