30 प्राथमिक विद्यालयों का मिट जाएगा अस्तित्व
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में भूमि का मापदंड पूरा नहीं करने वाले 30 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है।
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में भूमि का मापदंड पूरा नहीं करने वाले 30 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। ऐसे विद्यालयों को निकट के भवनयुक्त विद्यालयों में सामंजित किया जायेगा। बिहार सरकार के शिक्षा उपसचिव ने शिक्षा मंत्री के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है। जानकारी अनुसार अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत 06 से 14 वर्ष आयु के छात्र-छात्राओं को 01 से वर्ग 08 तक की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी। वैसे विद्यालयों को आजतक भूमि नहीं उपलब्ध हो पाया है। बच्चे जर्जर भवन व खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हो रहे थे। अन्य विद्यालय में सामंजित होने पर नवप्राथमिक विद्यालय की शिक्षा समिति स्वयं ही समाप्त हो जाएगी। विद्यालय के सम्पूर्ण संचालन की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय के प्रधान की ही होगी।
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कोट--
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा भूमिहीन नवप्राथमिक विद्यालय को निकट के भवनयुक्त विद्यालय में सामंजित करने के लिए पत्र प्राप्त हुआ है। जल्द ही प्राप्त पत्र के आलोक में कार्यवाई की जाएगी।
-परमानंद यादव
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी