जांच के लिए पहुंची अस्पताल कमेटी
सुपौल। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के प्राकोष्ठ में गुरूवार को सिविल सर्जन रामेश्वर साफी द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने रेफरल अस्पताल में व्याप्त अनियमितता, सरकारी राशि का दुरूपयोग, प्रसव पीड़ा से परेशान मरीजों को अकारण रेफर किये जाने तथा फर्जी चिकित्सक के नाम पर उगाही करने आदि के लोक शिकायत निवारण कार्यालय से प्राप्त चार मामलों का स्थलीय जांच किया।
सुपौल। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के प्राकोष्ठ में गुरूवार को सिविल सर्जन रामेश्वर साफी द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने रेफरल अस्पताल में व्याप्त अनियमितता, सरकारी राशि का दुरूपयोग, प्रसव पीड़ा से परेशान मरीजों को अकारण रेफर किये जाने तथा फर्जी चिकित्सक के नाम पर उगाही करने आदि के लोक शिकायत निवारण कार्यालय से प्राप्त चार मामलों का स्थलीय जांच किया। शिकायतकर्ताओं ने जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी है। बोले कि जांच के दौरान पारदर्शिता के मद्देनजर पहुंचे पत्रकारों को भी बाहर जाने को कहा गया। जांचोपरांत कार्रवाई की जानकारी हेतु मीडिया के पूछने पर कमेटी के सदस्य किशनपुर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मेजर शशिभूषण प्रसाद, छातापुर प्रभारी डॉ. एसएम चौधरी सहित रेफरल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. इन्द्रदेव यादव कन्नी काटते हुए खिसक लिये। वहीं सदस्य जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सुपौल डॉ एसएम ठाकुर ने बताया कि चार मामलों की जांच की गयी। जिसमें राजेश कुमार गजेश के शिकायत प्रसव पीड़ा को आयी मरीज को चार घंटा रेफरल अस्पताल में रखने के बाद रेफर कर दिया गया। रेफर मरीज का प्रसव रेफरल अस्पताल के समीप एक निजी अस्पताल में कराया गया। इसके साथ ही गजेश की शिकायत फर्जी चिकित्सकों में 57 की सूची दी गई। किन्तु केवल 16 पर कार्रवाई करते हुए अन्य से राशि उगाही करने के शिकायत के अलावा संजीव कुमार द्वारा लोक शिकायत निवारण कार्यालय से प्राप्त रेफरल अस्पताल में सरकारी राशि का दुरूपयोग व गबन के साथ रामानंद रमण व अन्य लोगों द्वारा फर्जी चिकित्सक के नाम पर उगाही के मामले की जांच की गयी। कहा कि जांच में संजीव कुमार की शिकायत संदेह के घेरे में है। बोले कि जांच प्रतिवेदन सिविल सर्जन को ससमय समर्पित कर दिया जायेगा।