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कोसी व बलान में भगवान भरोसे चल रहा नाव

सहरसा। पटना के गंगा घाट में नाव हादसे से पूरा बिहार हिल गया है। नाव परिचालन को लेकर त

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 05:17 PM (IST)
कोसी व बलान में भगवान भरोसे चल रहा नाव
कोसी व बलान में भगवान भरोसे चल रहा नाव

सहरसा। पटना के गंगा घाट में नाव हादसे से पूरा बिहार हिल गया है। नाव परिचालन को लेकर तमाम तरह के आदेश दिये गये हैं। लेकिन कोसी व बलान में आज भी नाव की सवारी खुद की जिम्मेदारी बनी हुई है।

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बिहार सरकार द्वारा घाटों की बन्दोबस्ती समाप्त किये जाने के बाद कोसी एवं बलान नदी में घाटों पर परिचालित नावों पर प्रशासन का नियंत्रण भी समाप्त हो गया है। जिस कारण नाव परिचालन पर नाविकों की मनमानी चलती है। सुरक्षा के मामले में भी भगवान भरोसे रहती है नव परिचालन व्यवस्था। इस क्रम होने वाले हादसे के बाद प्रशासन सिर्फ शव तलाशने तक ही अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करती आ रही है।

आज से लगभग दस वर्ष पूर्व जब घाटों की बंदोबस्ती हुआ करती थी नावों के परिचालन को लेकर सरकार के द्वारा मापदंड तैयार किये जाते थे। जिसके अनुपालन को लेकर समय-समय पर अंचलाधिकारी द्वारा जांच भी की जाती थी। परन्तु घाट मुक्ति के साथ ही ये प्रथा भी समाप्त हो गई।

नाव क्षमता की नहीं होती जांच

अब बदले समय में नाव का परिचालन पूरी तरह से नाव मालिकों के नियंत्रण चल गया है जो अपने फायदे के लिए यात्रियों के सुरक्षा की अनदेखी कर अक्सर क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर सवार कर लेते हैं।

क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

नाव परिचालन के संबंध में अंचलाधिकारी रमण प्रसाद वर्मा ने बताया कि नाव परिचालन को लेकर घाट एवं नाव का निबंधीकरण बाढ़ के समय में बाढ़ अवधि के लिए परिचालित होने वाले नावों की जाती है। शेष समय नाव परिचालन की जांच अब नहीं की जाती है।


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