जान का दुश्मन.. तीखा मोड़
-हाइलाइटर---- -दुर्घटनाओं के पीछे कई कारण हैं, जिसमें एक प्रमुख कारण सड़कों पर बना तीखा मोड़ व स्पी
-हाइलाइटर----
-दुर्घटनाओं के पीछे कई कारण हैं, जिसमें एक प्रमुख कारण सड़कों पर बना तीखा मोड़ व स्पीड ब्रेकर भी है। जिसकी वजह से भी अक्सर दुर्घटनाएं होती है। कई तीखे मोड़ तो ऐसे हैं जिनका अपना काला इतिहास है और वे लोगों के बीच डेंजर जोन के नाम से जाने जाते हैं।
भरत कुमार झा, सुपौल:
सुपौल। आज के समय में सड़क दुर्घटना एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है। आये दिन सड़क दुर्घटना में दर्जनों लोग काल के गाल में समा रहे हैं। दुर्घटना के पीछे कई कारण हैं, जिसमें एक प्रमुख कारण सड़कों पर बना तीखा मोड़ व स्पीड ब्रेकर भी है। जिसकी वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती है। कई तीखे मोड़ तो ऐसे हैं जिनका अपना अलग इतिहास है और वे लोगों के बीच डेंजर जोन के नाम से जाने जाते हैं।
तीखे मोड़ कहलाते डेंजर जोन
सरायगढ़-अररिया एनएच 327 ई पर सुपौल जिला अंतर्गत कई ऐसे तीखे मोड़ हैं जहां अक्सर दुर्घटनाएं घट जा रही हैं। सुपौल-पिपरा एनएच पर निर्मली चौक से पहले थुमहा व पिपरा के बीच दो ऐसे तीखे मोड़ हैं जो अक्सर हादसे को आमंत्रण देते हैं और वहां हादसा हो भी जाया करता है। पिपरा-जदिया के बीच तो कई जगह तीखे मोड़ हैं। खासकर एनएच 327 ई पर कोपाड़ी मोड़ तो डेंजर जोन के नाम से ही विख्यात हो गया है। आये दिन यहां दुर्घटनाएं होती है और लोग काल के गाल में समाते हैं। पिपरा-वीरपुर एनएच 106 पर भी कमलपुर मोड़ डेंजर जोन के नाम से ही जाना जाता है। यहां भी आये दिन गाड़ियां पलटती है और दुर्घटनाएं होती हैं। इस पथ पर आनंदीपट्टी, सरहोचिया व गणपतगंज चौक से पहले तीखा मोड़ है। जो अक्सर हादसों का गवाह बनता है। कटैया पावर हाउस से पहले भी एक तीखा मोड़ है। जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती है। सुपौल से भपटियाही जाने वाली एनएच 327 ई पर कई तीखे मोड़ हैं। चैनिसंगपट्टी के करीब, अंदौली महीपट्टी के बीच, मध्य विद्यालय चौहट्टा के समीप सड़क पर बने ये तीखे मोड़ अक्सर जानलेवा साबित हो रहे हैं। सुपौल-¨सहेश्वर पथ पर हरदी-जीवछपुर, गम्हिरया के समीप तीखे मोड़ हैं। करिहो और चकला-निर्मली के बीच पुल के समीप तीखा मोड़ कई गाड़ियों सहित लोगों को अपने आगोश में लेकर मौत की नींद सुला चुका है। सुपौल-सहरसा पथ भी हादसों के लिए चर्चित है। कर्णपुर चौक, मल्हनी मोड़, परसरमा चौक से आगे तीखा मोड़ कई हादसों को झेल और देख चुका है। अक्सर यहां गाड़िया पलटती है और लोग हताहत होते हैं।
चलिये करते हैं एनएच 57 का रूख
सिमराही एनएच 106 व एनएच 57 का क्रा¨सग अक्सर दुर्घटनाओं का गवाह बनता है। यहां अक्सर गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त होती है। हाल के दिनों में एनएच 57 पर रेनकट एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है। रेनकट के कारण एनएच 57 पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। सड़क चौड़ी व फोरलेन होने के कारण एनएच 57 पर तीखा मोड़ तो हादसों का कारण नहीं बन रही किन्तु गाड़ियों की रफ्तार आये दिन दुर्घटनाओं को जन्म दे जा रही है।
सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का खौफ
शहरी सड़क पर गौर करने के बाद ग्रामीण सड़कों का हाल देखें तो तीखा मोड़ के साथ-साथ स्पीड ब्रेकर भी समस्या बन सामने खड़ी है। अक्सर स्पीड ब्रेकर के कारण इन ग्रामीण सड़कों पर दुर्घटनाएं होती है। सड़कों पर स्पीड ब्रेकर तोड़ डालने के उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद ग्रामीण सड़कों पर अब भी स्पीड ब्रेकर दिख जा रहे हैं। लोग अपनी सुविधा अनुसार सड़क निर्माण संवेदक पर दवाब डाल कर अपने घर के इर्द-गिर्द स्पीड ब्रेकर बना लेते हैं। नतीजा होता है कि दो पहिया सवार तो इन स्पीड ब्रेकर का निशाना बन ही जाता है।