Move to Jagran APP

पचास प्रतिशत भी नहीं हो पाती उपस्थिति

सुपौल। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा महकम

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 06:29 PM (IST)
पचास प्रतिशत भी  नहीं हो पाती उपस्थिति

सुपौल। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा महकमा भले ही अपनी पीठ थपथपा ले। किन्तु प्रखंड क्षेत्र में आज भी शिक्षा की स्थिति बेहतर नहीं हो सकी है । आलम यह है कि प्रखंड क्षेत्र के 50 प्रतिशत विद्यालय में नामांकित बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं। सिर्फ सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अपना नामांकन करवाया है। इसका मुख्य कारण है सरकारी विद्यालय से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कमी। स्थिति यह है कि स्कूल में नामांकित बच्चे सरकारी विद्यालय छोड़कर निजी विद्यालय की ओर रूख कर रहे है। यहां के सरकारी विद्यालय में पठन पाठन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए ग्यारह बजे से बारह बजे तक शिक्षक आते है और दो बजे तक मध्याह्न भोजन की खानापूर्ति कर विद्यालय बंद हो जाता है। ग्रामीण इलाके की बात तो दूर मुख्यालय स्थित कई ऐसे विद्यालय है जहां समय सीमा से पहले ही विद्यालय बंद हो जाते है । ग्रामीण इलाकों के अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय से पढाई वाली संस्कृति की समाप्ति हो चुकी है । विद्यालय की साफ सफाई से लेकर प्रार्थना तक नहीं होती है। कई शिक्षक है जो विद्यालय आते हैं और रजिस्टर पर अपना हस्ताक्षर करने के उपरांत चले जाते है । सरकारी विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि पूरी तरह से ठप हो चुकी है । फर्जी तरीके से बच्चों की उपस्थिति दिखाकर मध्याह्न भोजन में सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जाती है, ऐसे में बच्चे भी विद्यालय नहीं जा रहे है ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.