..यहां बीमारी भगाने नहीं, लेने आते लोग
सुपौल। गंदगी बीमारियों का घर होता है लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन शायद इस बात से अनभिज्ञ है। अस्पताल के
सुपौल। गंदगी बीमारियों का घर होता है लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन शायद इस बात से अनभिज्ञ है। अस्पताल के प्रसव कक्ष के पीछे कचरे के रुप में जमा गंदगी को देख तो ऐसा ही प्रतीत होता है। अगर प्रसव कक्ष के पूर्वी भाग में चले जाएंगे तो सहज ही आपके मन में यह बात आ जाएगी कि यहां लोग बीमारी को भगाने नहीं बीमारी लेने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं उक्त भाग में जगह-जगह व्याप्त शौच के चलते उठती दुर्गध अस्पताल आने वालों का जीना मुहाल कर देता है। गंदगी व जगह-जगह मौजूद शौच के चलते वहां सुअरों ने अपना घर ही बना लिया है। आज जब स्वच्छता अभियान के तहत पूरे देश में गंदगी की सफाई के लिए एक मुहिम चलाई गई है वहीं सदर अस्पताल प्रशासन इस बात से कोई सरोकार नहीं रखता। स्थिति यह है कि इस भाग में बने शौचालय का पाईप टूट गया है जिससे शौच बाहर निकल कर गिरते रहते हैं। लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आलम यह है कि इस अस्पताल में कचरे के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके चलते वर्षो से अस्पताल का सारा कचरा उसी भाग में फेंक दिया जाता है। प्रसव कक्ष के पूर्वी व पोस्टमार्टम रुम के पश्चिमी भाग गंदगी फेंके जाने व अस्पताल का सारा गंदा पानी उसी भाग में बहने के चलते वह क्षेत्र एक तरह से नर्क सा प्रतीत होता है। जब कोई उच्च स्तरीय पदाधिकारी का आगमन होता है तो इसे साफ करवाया जाता है। लेकिन उसके बाद स्थिति जस की तस बन जाती है।