..और जब बात बढ़ते-बढ़ते पहुंच गयी हाथापाई तक
सुपौल। ..और जब बात बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। गनीमत थी कि हो-हल्ला सुन ग्रामीण इकट्ठा हो गए और
सुपौल। ..और जब बात बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। गनीमत थी कि हो-हल्ला सुन ग्रामीण इकट्ठा हो गए और किसी तरह मामला को शांत किया। हालांकि बाद में सदर पुलिस भी पहुंची परन्तु तब तक मामला शांत हो चुका था। मामले को जान पुलिस विद्यालय प्रधान को अपने साथ ले जाना चाह रही थी। परन्तु विभागीय अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस लौट गई। फिलहाल विद्यालय में शिक्षक व प्रधान के बीच आक्रोश कायम है तथा शैक्षणिक व्यवस्था घटना के दिन ठप पड़ी थी। मामला जिला मुख्यालय स्थित बबुजन आदर्श मध्य विद्यालय चकला-निर्मली का है। जहां गुरुवार को शिक्षक व रसोईया के बीच पहले तू-तू-मैं-मैं हुआ और बात बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गयी। परन्तु वहां खड़े प्रधान तमाशबीन बने रहे। स्थिति को देख गुरूवार को दोपहर ही बच्चों को छुट्टी दे दी गई। ग्रामीणों की मानें तो विद्यालय में अक्सर इस प्रकार की घटना होते रहती है। घटना की मूल वजह विद्यालय प्रधान व कुछ सहायक शिक्षकों के बीच अनबन रहना बताया जा रहा है। तत्कालीन घटना की वजह भी कुछ इसी सब लेकर हुई थी। घटना के संबंध में जब कुछ सहायक शिक्षकों से पूछा गया तो उनका आरोप था कि विद्यालय प्रधान हमेशा लूट-खसोट करने में लिप्त रहते हैं। प्रधान को पढ़ाई-लिखाई से कुछ मतलब ही नहीं रहता है। खासकर एमडीएम में प्रधान ने लूट मचा रखी है। उपस्थिति छात्रों से कई गुणा अधिक एमडीएम पंजी में बच्चों को उपस्थिति दिखाई जाती है। उपर से रसोईया के साथ मिलीभगत कर घटिया किस्म का भोजन उन्हें परोसा जाता है। विद्यालय के साफ-सफाई से तो कोई उन्हें लेना देना ही नहीं है। यहां तक कि स्वयं कभी क्लास नहीं लेते और अन्य शिक्षकों को भी पढ़ाई के लिए उचित सामग्री तक नहीं उपलब्ध कराते हैं। उपर से रसोईया का मन प्रधान इस प्रकार बढ़ा रखे हैं कि सहायक शिक्षक को वे लोग कुछ समझते ही नहीं है। कहा कि हाल के दिनों में विद्यालय प्रधान के सह पर ही एक रसोईया ने एक सहायक शिक्षक पर छेड़छाड़ करने का आवेदन दिया। इस आवेदन के आलोक में सहायक शिक्षक भी प्रधान के कारनामे का एक आवेदन विभागीय अधिकारी को दिया। बस यही से आपसी रंजिश शुरू हुई और गुरूवार को उक्त घटना सामने आयी।
कहते हैं प्रधान
विद्यालय प्रधान मनोज कुमार झा से जब गुरूवार को घटना के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि वे क्लास रूम में थे। सहायक शिक्षक व रसोईया के बीच नोकझोक हुई। ग्रामीण समेत पुलिस आई। पुलिस ने साथ चलने को कहा मैंने चल दिया। इतने में बीईओ का फोन आया और पुलिस उन्हें वापस लौटा दिया। हो-हल्ला के बाद बच्चों को छुट्टी दे दी गई और हमलोग यहां बने हुए हैं। कहा कि जब भी शिक्षकों को सही समय व पठन-पाठन के लिए बोलते हैं तो कोई न कोई बखेरा सामने आ ही जाता है।
पूर्व में भी प्रधान पर किया जा चुका मुकदमा
इससे पूर्व भी विद्यालय में कार्यरत सहाय शिक्षिका विद्यालय प्रधान पर थाने में मुकदमा किया जा चुका है। जो अभी न्यायालय में लंबित है।
''सूचना मिलने पर मामले की जांच को ले जिला एमडीएम पदाधिकारी को आदेश दिया गया। जांच रिपोर्ट समर्पित नहीं किया गया है। रिपोर्ट आने पर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी''
मो. हारूण
जिला शिक्षा पदाधिकारी
''मुझे पुलिस के माध्यम से विद्यालय में हो-हंगामा की सूचना मिली। दरअसल विद्यालय में गुटबाजी चल रही है। विद्यालय प्रधान व सहायकों का अपना-अपना तर्क है। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।''
-नरेन्द्र नाथ झा
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी