कोई मचा रहा शोर तो कोई उड़ा रहा रंग-गुलाल
सुपौल। गत रविवार तक चले मतगणना के परिणामों से पंचायत दर पंचायत चुनावी तपिश में तप रहा है। किसी के वर
सुपौल। गत रविवार तक चले मतगणना के परिणामों से पंचायत दर पंचायत चुनावी तपिश में तप रहा है। किसी के वर्षो का ताज छिना है तो किसी मामूली ने अपनी शख्सियत का एहसास कराया है। कोई दो धड़ों के बीच ताज ले उड़ा है तो किसी के आशा के प्रतिकूल परिणाम ने सबकों चौंकाया है। ऐसे में निकट पहुंच कर ताज छिन जाने के गम में बेहाल समर्थकों के अंदर का आक्रोश बाहर आने लगा है। जीतने वाले जश्न में डूबे हैं तो हारने वालों को मधुर संगीत भी असहज लग रहा है। पंचायत दर पंचायत डीजे की तेज ध्वनि शोर मचा रहा है और समर्थक अपने विजयी प्रत्याशी के साथ अबीर गुलाल के रंग में डूबे जश्न में मशगुल हैं। चुनावी रंजिश खुल कर सामने आ रही है। घीबहा की एक मुखिया प्रत्याशी मतदान के बाद से गायब है तो रामपुर में दो धड़े के समर्थकों के बीच मारपीट की घटना सामने आ चुकी है। दोनों पक्ष से चार लोग घायल होकर पीएचसी के उपचाराधीन हैं। जबकि रतनसार के देबू मंडल गंभीर रूप से जख्मी होकर पीएचसी से प्राथमिक उपचार करा औषधि सेवन को बाध्य हैं। अन्य पंचायतों की हवा भी गर्म है। लेकिन फिलहाल पुलिस पंचायतों के तापमान पर नजरें गड़ाए हुए है। कानूनी पचड़े का हवाला देकर संबंधितों से संपर्क हो रहा है। लेकिन हालात हैं कि बूथ टू बूथ मतों का हिसाब सभी समीकरणों पर भारी पड़ रहा है। अपने अलावा अन्य को कितने मत मिले और किस किस ने पाला बदला मंथनों का दौर चल रहा है। हारने व जीतने वालों के दरवाजे चौपाल सज रही है। समर्थक सलाहकार की भूमिका तय कर रहे हैं तो किस किसने खेल बिगाड़ा पहचान हो रही है। हिसाब कैसे बराबर किया जाय सोच की लंबी लकीर खिंच रही है। ऐसे में प्रशासन की मुस्तैदी एवं प्रबुद्धजनों की जिम्मेवारी बढ़ जाती है।