किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाना ही जेएलजी का उद्देश्य
सुपौल। नावार्ड द्वारा आयोजित संयुक्त देयता समूह का एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को
सुपौल। नावार्ड द्वारा आयोजित संयुक्त देयता समूह का एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को जिला परिषद के सभागार में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन डीडीएम नावार्ड बीके मिश्रा एवं अग्रणी बैंक प्रबंधक मनीष बोस संयुक्त रूप से किया। अपने संबोधन में डीडीएम श्री मिश्रा ने कहा कि सुपौल जिला भौगोलिक रूप से राज्य के पिछड़े जिलों में तीसरे स्थान पर है। यहां के 70 प्रतिशत किसान छोटे किसान व भूमिहीन हैं। संयुक्त देयता समूह का उद्देश्य गरीब व भूमिहीन किसानों की वित्तिय स्थिति में सुधार लाना है। बोले कि किसान मेहनत और ईमानदारी से समूह को चलाएंगे तो उनका तो भला होगा ही साथ ही साथ समाज व देश का भी भला होगा। वहीं जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री बोस ने कहा कि भारत सरकार ने केन्द्रीय बजट के पारा अस्सी में 5 लाख संयुक्त देयता समूह के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही इस परिपेक्ष्य में भारतीय रिजर्व बैंक व नावार्ड ने सभी व्यवसायिक बैंकों तथा ग्रामीण बैंकों को परिपत्र द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। बोले कि समूह की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना है और इस योजना के माध्यम से छोटे, सीमांत, बटाईदार व अन्य किसानों को ऋण उपलब्ध करा कर उत्पादकता में वृद्धि लाना है। मौके पर पीएनबी के शाखा प्रबंधक बीएन चौधरी, आईडीबीआई के अखिलेश कुमार, छातापुर के विमल झा, सुजीत कुमार सिंह, बैजू साह, शिवनाथ झा आदि मौजूद थे।