बैंक में सुविधाओं का अकाल, खाताधारक बेहाल
सुपौल। राष्ट्रीयकृत बैंकों में ग्राहकों को नित नई सुविधाएं देने की होड़ लगी हुई है। ताकि ग्राहकों की
सुपौल। राष्ट्रीयकृत बैंकों में ग्राहकों को नित नई सुविधाएं देने की होड़ लगी हुई है। ताकि ग्राहकों की संख्या में इजाफा हो। वहीं, भारतीय स्टेट बैंक की बलुआ बाजार शाखा कर्मियों की कमी सहित लिंक फेल से लगातार जूझ रहा है और ग्राहक है कि शाखा का मुख्य द्वार प्रबंधन द्वारा बंद कर दिये जाने के बावजूद भी अपनी बारी के इंतजार में दिन भर बैठने को मजबूर हैं।
इन दिनों भारतीय स्टेट बैंक की बलुआ बाजार शाखा को चलाने के लिए मात्र एक लेखापाल और एक सहायक के भरोसे वरीय प्रबंधन द्वारा छोड़ दिया गया है। दिनानुदिन ग्राहकों व खाताधारकों की बढ़ रही संख्याओं के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ आती जाती है। उस पर लिंक का फेल हो जाना जब बताया जाता है तो ग्राहक बेचैन हो जाते हैं। लिंक फेल के कारण खाताधारकों को कई कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ता है। कर्मी की कमी एवं लिंक फेल के कारण बैंक शाखा के ग्रील में ताला लगाकर कार्यरत लोगों द्वारा ग्राहकों को बाहर रखकर अपनी बारी का इंतजार करने को कहा जाता है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र की शाखा रहने के कारण महिलाओं और वृद्धों को गेट पर जमे रहने को मजबूर रहना पड़ता है कि क्या पता कब लिंक आये और मजबूरी में नम्बर लग जाये और जमा निकासी की आवश्यकता से निजात मिल जाये। यह आपाधापी इस शाखा में हमेशा बनी रहती है और बैंक के वरीय प्रबंधन सब कुछ जानते हुए भी समस्याओं के निजात के बदले ग्राहकों को अपने हाल पर छोड़ रखा है। इस बावत प्रभारी शाखा प्रबंधक सह एकाउन्टेंट आशुतोष कुमार ने बताया कि शाखा प्रबंधक इलाज के लिए बाहर गये हैं और एक सहायक शादी को लेकर छुट्टी में है। कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण परेशानी हो रही है। उससे पहले लिंक फेल रहना तो बड़ी मुश्किलों में डाल रखा है। इसलिए मुख्य द्वार में अन्दर से ताला लगा कर एक बार में 20-20 ग्राहकों के लेन देन का निपटारा किया जा रहा है।