नेपाल बंद-सीमावर्ती बाजार पड़ा मंद
सुपौल। भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र स्थित भीमनगर बाजार से लेकर सड़कों से बस पड़ाव तक केवल विरानी ही वि
सुपौल। भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र स्थित भीमनगर बाजार से लेकर सड़कों से बस पड़ाव तक केवल विरानी ही विरानी सी छायी हुई है। ज्ञात हो कि दो महीने बीतने को चले हैं मधेश आदोलन को लेकिन अब तक नेपाल के सरकार द्वारा कोई ठोस कदम उठाने जाने को लेकर नेपाल के 22 जिले के लोगों का अब सब्र का बाध टूटने लगा है। जैसे-तैसे सीमा से सटे नेपाली नागरिकों का काम तो चल जा रहा है। लेकिन इस बंदी का असर जो लोग पहाड़ी से तराई क्षेत्रों में बसे हुये हैं उन लोगों का हाल बद से बदत्तर होने को चला है। इतना ही नहीं लोगों को खाने के लिए दाने के लाले पड़ रहा है। पहले तो भारतीय भू-भाग से जैसे तैसे काम चल जाता था। परन्तु सात दिनों से सीमा पर आर्थिक नाकेबंदी के कारण अब लोगों तक खाने पीने तक का सामान नहीं पहुंच पा रहा है। अगर भारतीय बाजार भीमनगर की बात करें तो दुकान से लेकर दुकानदार तक सुबह से शाम ग्राहकों के इंतजार में टकटकी लगाये रहते हैं। बस पड़ाव तक केवल सुनसान ही नजर आ रहा है। जो बसें भीमनगर से सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, दरभंगा,पटना, जोगबनी, फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार की तरफ जाने वाली अब उन्हें केवल दो-चार यात्रियों को ही लेकर जाना पड़ रहा है। बस पड़ाव पर कार्यरत सोहन मिश्र ने बताया कि बस मालिकों को चलान सही से अभी के समय में नहीं जा पा रहा है। नेपाल बंदी के चलते यात्रियों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। जिसके चलते हमलोगों के सामने भी भुखमरी की समस्या आने लगी है।