आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में की तालाबंदी
सुपौल। प्रखंड के मध्य विद्यालय झखाड़गढ में शुक्रवार को पूर्ण राशि उठाव के बावजूद भवन व शौचालय निर्माण
सुपौल। प्रखंड के मध्य विद्यालय झखाड़गढ में शुक्रवार को पूर्ण राशि उठाव के बावजूद भवन व शौचालय निर्माण नहीं करने से नाराज होकर ग्रामीणों ने विद्यालय में तालाबंदी कर दी। वर्ग कक्ष एवं कार्यालय में तालाबंदी के कारण पठन-पाठन सहित अन्य कार्य ठप हो जाने के बाद भारी संख्या में विद्यालय पहुंचे छात्रों को बैरंग लौट जाना पड़ा। तालाबंदी के बाद दर्जनों ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में बैठक की और निर्णय लिया कि बारंबार शिकायत के बावजूद ना तो भवन व शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण हो रहा है और ना ही संबंधित शिक्षक के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्रवाई हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में विद्यालय को तीन कमरे का भवन आवंटित हुआ और शौचालय निर्माण की राशि सहित भवन निर्माण मद की संपूर्ण राशि का तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने उठाव कर लिया। बारंबार लिखित शिकायत करने तथा आदोलन करने के बाद भी विभागीय पदाधिकारी द्वारा आश्वासन मात्र मिलता रहा और मैनेज पद्धति के तहत संबंधित शिक्षक के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी। नतीजा है कि भवन निर्माण का कार्य अपूर्ण है और शौचालय निर्माण की दिशा में पहल भी नहीं हो पायी है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जब तक निर्माण कार्य को पूरा नहीं करा लिया जाता विद्यालय में तालाबंदी जारी रहेगा। ग्रामीणों ने बताया कि मामले को लेकर शिकायत के बाद तत्कालीन बीइओ अशर्फी सहनी ने संबंधित शिक्षक को 01 सितंबर 2014 तक हर हाल में निर्माण कार्य पूरी कर लेने की हिदायत थी। बावजूद इसके अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया और छात्रों को पठन पाठन में परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय नहीं रहने के कारण छात्र तो नदी किनारे चले जाते हैं लेकिन छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मामले की जानकारी प्रधानाध्यापक जैनेंद्र मरीक द्वारा बीआरसी एवं सीआरसी कार्यालय को दिये जाने के बाद समन्वयक ओमप्रकाश कुमार एवं बीआरपी प्रदीप कुमार साह विद्यालय पहुंचे और शनिवार को बीइओ के विद्यालय पहुंचने की जानकारी दी। व्यक्ति द्वय ने बताया कि बीइओ लल्लू पासवान जिला की बैठक में भाग लेने सुपौल गए हैं। बैठक में भूपेंद्र यादव, मो. मंसूर, शिवलाल यादव, विष्णुदेव यादव, रामजीवन सिंह, राम कृष्ण यादव, विनय यादव, बुचाय यादव, मो. आलम, सिंकदर सिंह, मो. फरमुद्दीन, छोटे लाल सिंह, राजदेव ठाकुर, उमेश ठाकुर, मो. दाउद, मो. एनुल, दिनेश यादव, कपिलदेव यादव, मो. खट्टर साफी, जगदेव यादव, मो. इस्माइल, नारायण यादव, राजेश साह, देवानंद यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।