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सदर अस्पताल में दवाओं का अकाल

सुपौल। स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में सरकारी स्तर पर जितनी भी कवायद की जाती है सरजमी

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 06:13 PM (IST)
सदर अस्पताल में दवाओं का अकाल

सुपौल। स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में सरकारी स्तर पर जितनी भी कवायद की जाती है सरजमीन पर उसका हश्र कुछ और ही हो जाता है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल इसका जीता-जागता उदाहरण है जहां कभी चिकित्सक व कर्मियों की कमी तो कभी उपकरण के लाले जैसी समस्या हमेशा देखने को मिलती है। अब तो मरीजों को दवा भी सही से नहीं मिल पा रही है। अस्पताल में मुफ्त मिलने वाली कई दवा मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही है। मालूम हो कि सदर अस्पताल में लगभग तीन माह से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। ऐसे में कुत्ते द्वारा काटे जाने वाले मरीज को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 14 अप्रैल से इंजेक्शन की अनुपलब्धता की स्थिति में मरीजों को अस्पताल से बैरंग लौटना पड़ रहा है। कुछ मरीज इंजेक्शन का इंतजार कर रहे तो कुछ बाजार से खरीद कर इंजेक्शन ले रहे हैं। इंजेक्शन पर एमआरपी 315 रुपये अंकित रहता है। लेकिन अधिकाश दुकानदारों द्वारा मरीजों से 375 रुपये से 400 रुपये लिया जा रहा है। मरीज करे भी क्या। आखिरकार इंजेक्शन लेना तो जरूरी है। इसके अलावा कफ सिरप काफी दिनों से अस्पताल के दवा काउंटर से नदारत है तो सिट्रीज टैब्लेट लगभग एक माह से नहीं मिल रहा है। बी कम्पलेक्स, आयरन, कैल्सियम व एसी लॉक के टैबलेट के लिए भी मरीजों को अस्पताल से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। लगभग पन्द्रह दिन से आई ड्रॉप दवा स्टोर में नहीं है वहीं एक अदद पारासीटामोल सीरप भी अस्पताल में देखने को नहीं मिल रहा है। ये तो बानगी भर है अगर अस्पताल के दवा स्टोर की बारीकी से छानबीन किया जाय तो कई अन्य दवा भी नदारत मिलेंगे। दवा नहीं मिलने की स्थिति में कई मरीजों को दवा काउंटर पर दवा वितरण करने वालों से तू-तू मैं-मैं भी हो जाती है। दवा न मिलने के चलते मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है जो गरीब मरीजों के लिए काफी मंहगा साबित होता है। दवा काउंटर पर दवा की अनुपलब्धता कहीं न कहीं विभागीय लापरवाही को उजागर करता है।

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'स्थानीय स्तर पर दवा खरीदने का आदेश दे दिया गया है। जल्द ही दवा की कमी की समस्या को दूर कर लिया जाएगा।'

-डॉ.उमाशंकर मधुप

सिविल सर्जन, सुपौल


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