सृष्टि के कण-कण में हैं गुरू विद्यमान
सुपौल। स्थानीय भारत सेवक समाज महाविद्यालय के प्रागंण में शनिवार को भारत स्वाभिमान, पतंजलि योग समिति,
सुपौल। स्थानीय भारत सेवक समाज महाविद्यालय के प्रागंण में शनिवार को भारत स्वाभिमान, पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति के द्वारा गुरू पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव की शुरुआत प्रात: सामूहिक योग कक्षा से की गई। जिसमें भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम, विलोम, प्राणायाम आदि के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। योग कक्षा के उपरांत यज्ञ एवं हवन का कार्यक्रम किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के मुख्य संयोजक सुनील कुमार पौद्दार ने कहा कि गुरू पूर्णिमा का अपना एक विशेष महत्व है। गुरू अपने ज्ञान से शिष्यों को सत्य और असत्य का बोध कराकर सत्य मार्ग पर आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं और अपने विवेक का समुचित उपयोग करने का ज्ञान देते हैं। हम जिससे भी ज्ञान प्राप्त करते हैं, वो गुरू हैं। सृष्टि के प्रत्येक कण में गुरूत्व विद्यमान है। क्योंकि सृष्टि के प्रत्येक वस्तु हमें कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त होता है। मौके पर बीएसएस कॉलेज के प्राचार्य डा. संजीव कुमार, बेबी कुमारी, जगदीश मंडल, धीरेन्द्र कुमार, सीताराम यादव, डा. सत्य प्रकाश मल्लिक, जय नारायण पंडित, राजेश गुप्ता, विजेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, शशि भूषण गुप्ता, राजेश कुमार, तृप्ति नारायण यादव, मोहित कुमार, आकाश कुमार, शत्रुघ्न यादव आदि मौजूद थे।