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झोले से ही संचालित होता संस्कृत विद्यालय

सुपौल। प्रखंड के मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों की दशा अत्यंत दयनीय है। सरकारी सुविधा संपन्न अधि

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 06:15 PM (IST)
झोले से ही संचालित होता संस्कृत विद्यालय

सुपौल। प्रखंड के मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों की दशा अत्यंत दयनीय है। सरकारी सुविधा संपन्न अधिकतर विद्यालय प्रधान के झोले से संचालित होता है। नतीजा है कि एमडीएम की हवा निकली हुई है और छात्रोपस्थिति विभाग को मुंह चिढ़ा रहा है। गुरूजी की तो बल्ले बल्ले है। उपस्थिति के अनुपात में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता आधे से अधिक शिक्षकों को आरामदेह बना रहा है। कई विद्यालयों का हाल है कि विद्यालय को भवन तक नसीब नहीं है। हालात देखें तो उमाकात संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय डोर्रा में आधा दर्जन शिक्षकों का पदस्थापन है। जिसमें तीन शिक्षक बारी

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बारी से आराम में ही रहते हैं। शुक्रवार को विद्यालय में मौजूद छात्रों ने बताया कि प्रधानाध्यापक नवकात झा प्राय: विद्यालय से गायब ही रहते हैं। विद्यालय में एमडीएम की व्यवस्था भगवान भरोसे है। छात्रों की मानें तो कभी कभार ही विद्यालय का चूल्हा जलता है। शुक्रवार को भी एमडीएम बंद बंद पाया गया। पोशाक की राशि में भी कटौती की बातें सामने आयी तो

छात्रवृति नहीं मिलने की जानकारी दी गयी। नामाकन 278 के अनुपात में

शुक्रवार को मात्र 23 छात्रोपस्थिति विद्यालय के औचित्य पर सवाल खड़ा कर

रहा था। पोषक क्षेत्र के अभिभावकों ने बताया कि नामाकित छात्रों में आधे से अधिक समीप के दूसरे विद्यालय में भी नामाकित है जिसका खुलासा अन्य समीप के विद्यालयों के पंजी अवलोकन से हो सकता है। वहीं छह में से तीन शिक्षकों में प्रधानाध्यापक सहित द्रोपदी देवी व विजय कुमार मिश्र अनुपस्थित बताये गये। द्रोपदी देवी का हस्ताक्षरित सादा पन्ना उपस्थिति पंजी में धरा था जो बेवक्त काम आने के लिए छोड़ दिया गया था। शिक्षकोपस्थिति पंजी व्हाइटनर से रंगा था जो संचालन में व्यापक अनियमितता की ओर इशारा कर रहा है। शौचालय की स्थिति अनुपयोगी तो

चापाकल महीनों से बंद पड़ा है। लोगों ने बताया कि बारंबार बाबू लोग आते हैं और अव्यवस्था के बावजूद व्यवस्था सुधार की दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं हो रही है। मनमानी चरम पर है तो निरीक्षण व यथोचित कार्रवाई के अभाव में विद्यालय उद्देश्यविहीन साबित हो रहा है। इस बाबत पूछने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लल्लू

पासवान ने बताया कि कार्यालयी कार्य में व्यस्त रहने के कारण विशेष जानकारी नहीं दे पाउंगा। शिकायत मिलने पर यथोचित कार्रवाई की जायेगी।


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