कहीं खराब पड़ा है हैंडपंप तो कही उगल रहा गंदा पानी
सुपौल : प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगे हैंडपंप दूषित जल उगल रहे हैं या
सुपौल : प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगे हैंडपंप दूषित जल उगल रहे हैं या खराब पड़े हैं। विद्यालय के बच्चे इन्हीं हैंडपंपों का दूषित जल पी रहे हैं जिससे उनमें संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशका बनी रहती है। पर विभाग इस मसले पर उदासीन नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि सरकार सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जिसके तहत मिड डे मील सहित अन्य योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की जा रही है पर जमीनी स्तर पर इनकी हकीकत कुछ और ही है। विद्यालय के छात्र छात्राओं को
दूषित जल से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए कुछ
विद्यालयों में पीईचडी विभाग से चापाकल में फिल्टर लगवाए गए थे। पर कुछ दिनों में ही ये खराब हो गए और दूषित जल उगलने लगे। उतना ही नहीं कुछ जगहों पर विद्यालय के प्रागण में मिनी जल आपूर्ति योजना के अंतर्गत पानी टंकी भी विभाग द्वारा बनवाया गया लेकिन इसे कई जगहों पर सुचारू रूप से चालू करवाया गया और कुछ जगहों पर बंद पड़ा है। हालत यह है कि विद्यालय के बच्चे मिड डे मील का भोजन करने के बाद इन्हीं चापाकलों का दूषित जल पी रहे हैं। कुछ गावों में बने विद्यालयों पर लगे चापाकल बदहाली के शिकार हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मरौना डा. निर्मल कुमार कहते हैं कि दूषित जल की वजह से डायरिया, जेई, पीलिया, एईएस सहित कई संक्रामक बीमारिया फैलती हैं। प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालय के पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से स्वच्छ जल विद्यालयों में व्यवस्था कराने की माग की है।