विकलांगता प्रमाण पत्र दीजिये, पांच अंक वेटेज लीजिए
जागरण संवाददाता, सुपौल : सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की बात तो सामने आ रही है।
जागरण संवाददाता, सुपौल : सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की बात तो सामने आ रही है। परन्तु अब लोग विकलांगता प्रमाण पत्र को भी सहारा बना कर नौकरी पाने के जुगाड़ में जुट चुके हैं। वैसे लोग जो शारीरिक रूप से पूर्ण रूप से सही-सलामत हैं, वैसे लोग भी विकलांगता प्रमाण पत्र बना कर मेधा सूची में वेटेज ले डालते हैं और पा लाते हैं नौकरी। जी हां हम बात कर रहे हैं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बहाल होने वाले सेविका-सहायिका की नौकरी के बारे में विभाग ने सेविका-सहायिका बहाली के लिए विकलांग अभ्यर्थियों को पांच अंक का वेटेज देने का प्रावधान कर रखा है। इसी आड़ में स्वस्थ व्यक्ति भी विकलांग प्रमाण पत्र लगा कर इसका लाभ उठा लेते हैं।
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क्या है नियम
-विभाग द्वारा सेविका-सहायिका चयन नियम में संशोधन कर वैसे अभ्यर्थी जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं। वैसे अभ्यर्थियों के मेधा सूची में पांच अंक का अतिरिक्त वेटेज जोड़ा जाता है। मेधा सूची में प्रथम स्थान पाने के लिए स्वस्थ व्यक्ति भी विकलांगता प्रमाण पत्र बना कर इसका लाभ उठा लेते हैं। ऐसे कार्यो में जिले के कई जगहों पर फर्जीवाड़े करने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
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जांचोपरांत दो पर हो चुकी है कार्रवाई
-सरकार ने बड़े मोटे भाव में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की बहाली जिले में कर रखी है। हाल के दिनों में विकलांगता प्रमाण पत्र को ले डीपीओ कार्यालय में मुकदमा दर्ज किया गया। जांचोपरांत दो सेविकाओं को नौकरी से इस कारण हाथ धोना पड़ा कि उनका विकलांगता प्रमाण भी गलत था।
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'हाल के दिनों में विकलांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है। शिकायत मिलने पर जांचोपरांत ऐसी सेविकाओं को नौकरी से हटाया जा रहा है।'
-रमेश ओझा
डीपीओ,आईसीडीएस