पूर्व में पदस्थापित दो प्रशासनिक पदाधिकारियों पर गिरी गाज
सुपौल, जागरण संवाददाता: बिहार सरकार ने जिले में पूर्व में पदस्थापित सरकार के दो प्रशासनिक पदाधिकारिय
सुपौल, जागरण संवाददाता: बिहार सरकार ने जिले में पूर्व में पदस्थापित सरकार के दो प्रशासनिक पदाधिकारियोंपर गाज गिराई है। निगरानी के हत्थे चढ़े दो कर्मचारियों के आरोपों के लिये बनाये गये जांच पदाधिकारी तत्कालीन अपर समाहर्ता शशिभूषण पाठक के ही विरुद्ध पेंशन रोकते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पटना में इस मामले के सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। जिले के चर्चित डीआरडीए निगरानी छापामारी कांड में चंद्रहास वर्मा और प्रभाकर लाल दास के विरुद्ध चली जांच के ये जांच पदाधिकारी थे। इन्होंने दोनों के दिये तर्क पर उन्हें बरी कर दिया था। लेकिन सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जहां प्रभाकर लाल दास को सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व बर्खास्त कर दिया वहीं सेवानिवृत्त चंद्रहास वर्मा के पेंशन को जब्त कर लिया। इन्हें निर्दोष मान लेने वाले जांच पदाधिकारी एसबी पाठक को सेवा निवृत्ति से दो दिन पूर्व निलंबित करते हुए पेंशन पर रोक लगा दी गई है। वे वर्तमान में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव के पद पर थे।
वहीं दूसरी ओर विजय कुमार को सरकार ने निंदन की सजा दी थी। इनपर इंदिरा आवास मामले में अनियमितता बरतने का आरोप है। अपने उपर लगे आरोप के बावत इन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग में अपील किया तो पूर्व में दिये गये निन्दन प्रस्ताव को बरकरार रखते हुए पुन: एक नई सजा देते दो वेतन वृद्धि काट ली गई।
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'श्री पाठक को सेवा निवृत्ति से दो दिन पूर्व निलंबित कर दिया गया है और पेंशन की राशि पर रोक लगा दी गई है। सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बाद सुनवाई के लिये पटना अभिलेखों को उपस्थापित किया जाना है।'
-धर्मेश कुमार सिंह
वरीय उपसमाहर्ता,स्थापना
सह
अनुस्थापन पदाधिकारी