दर्द और बुखार की दवा पर चलता है पशु अस्पताल
सरायगढ़(सुपौल),संवाद सूत्र:एक लाख से अधिक आबादी के बीच स्थित पशु चिकित्सा केन्द्र सरायगढ़ वर्षो से स
सरायगढ़(सुपौल),संवाद सूत्र:एक लाख से अधिक आबादी के बीच स्थित पशु चिकित्सा केन्द्र सरायगढ़ वर्षो से समस्याओं से जूझ रहा है। एसएच 76 के बगल अवस्थित इस स्वास्थ्य केन्द्र को भवन तो है लेकिन अन्य सुविधओं के अभाव मे पशुओं
का सही इलाज नही हो पाता है। अस्पताल में एक चिकित्सक तथा तीन कर्मी है। चिकिस्तक को लालगंज तथा शाहपुर पृथ्वीपट्टी के अस्पताल में भी समय देना पड़ता है। इस कारण सरायगढ़ के अस्पताल में आने वाले पशुओं का समय से इलाज नहीं हो पाता है। इस अस्पताल में पशुओं को होने वाले दर्द बुखार तथा सर्दी के दवा के अलावे अन्य आवश्यक दवाईयां नहीं मिलती है। इस कारण पशुपालक वहां जाना नही चाहते हैं। कोसी का इलाका होने के कारण यहां के पशुओं मे तरह तरह की बीमारियां होती रहती है। कभी दवा के अभाव तो कभी बीमारी की पहचान नहीं होने से कई पशुओं की मौत हो जाती है। अस्पताल में कृत्रिम गर्वाधान के साधन तो हैं मगर उसका उपयोग नहीं होता है। चहारदिवारी के अभाव में यह अस्पताल पूरी तरह असुरक्षित बना हुआ है। क्षेत्र के कई पशुपालकों का कहना है कि यह अस्पताल सिर्फ दिखावे के लिए है। दवा और संसाधन की कमी से लोगों को इसका लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में पशुओं का इलाज ग्रामीण चिकित्सकों पर निर्भर है। पशुपालक बताते हैं कि अस्पताल जाने के बाद भी बाजार के दवा से इलाज होता है तो आखिर वहा क्यों जाए । कुल मिलाकर लम्बे समय बाद भी यह अस्पताल इलाज के लिए उपयुक्त नहीं हो पाया है।
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अस्पताल में जो दवाईयां रहती है।
उसका वितरण किया जाता है। कुछ आवश्यक दवाईयों का अभाव है। इसके लिए उपर के अधिकारियों को सूचना दी गई है। उपलब्ध होने पर पशुपालकों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जाएगी।
-डा.आनंद कुमार
प्रभारी
पशु चिकित्सा केन्द्र सरायगढ