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राजेन्द्र हत्याकांड की सुलझी गुत्थी, आशिकी ने ली जान

सुपौल जागरण संवाददाता: पिपरा थानाक्षेत्र के चर्चित कांड राजेन्द्र हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 07:54 PM (IST)
राजेन्द्र हत्याकांड की सुलझी गुत्थी, आशिकी ने ली जान

सुपौल जागरण संवाददाता: पिपरा थानाक्षेत्र के चर्चित कांड राजेन्द्र हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली। अवैध संबंध के कारण राजेन्द्र यादव को अपनी जान गंवानी पड़ी। पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने बताया कि राजेन्द्र यादव का अवैध संबंध औराहा गांव के ही बुचनी देवी नामक महिला से था। हाल के दिनों में बुचनी का संबंध सुरेश यादव नामक व्यक्ति से हो गया जो त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के बरेड़वा का रहने वाला था। सुरेश के भाई की शादी औराहा में थी जिससे उसका संपर्क बुचनी से बढ़ गया। सुरेश से बुचनी का संबंध बढ़ने के बाद वह राजेन्द्र से कतराने लगी थी। लेकिन राजेन्द्र उससे जबर्दस्ती किया करता था। जो सुरेश को नागवार गुजरा। दोनों ने मिलकर योजना बनाई। घटना के दिन बुचनी राजेन्द्र के मोबाईल पर फोन कर उसे नहर पर बुलाई। नहर पर दोनों ने शिकवा शिकायत दूर किये और शारीरिक संबंध स्थापित किया। योजनानुसार तत्क्षण सुरेश वहां पहुंच गया। दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर डाली। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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पुलिस से मिली जानकारी अनुसार, विगत 30 अक्टूबर को त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के औराहा निवासी 50 वर्षीय राजेन्द्र यादव दिन में अपने घर से गिट्टी छड़ लेने के लिये पिपरा बाजार के लिये निकले। गिट्टी छड़ ट्रैक्टर पर लदवाने के बाद गांव भेज दिया लेकिन रात तक वे घर नहीं पहुंचे। काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला। 2 नवंबर को पिपरा बाजार से पूरब कोसी नहर में जलकुंभी से छिपाई गई एक अज्ञात लाश मिली। त्रिवेणीगंज थानाध्यक्ष द्वारा लाश की पहचान कराई गई तो लाश की पहचान राजेन्द्र यादव के रूप में हुई। मृतक के गले, मुंह,चेहरा व गुप्तांग के पास जख्म पाया गया। मृतक के पुत्र के लिखित आवेदन पर पिपरा थाना में कांड दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। एक महिला से अवैध संबंध होने की चर्चा के आधार पर पुलिस ने छानबीन प्रारंभ किया। वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत मृतक के मोबाइल तथा संदिग्ध महिला के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला गया। स्पष्ट हुआ कि घटना के दिन बुचनी देवी व मृतक के मोबाइल पर 12 बजे दिन से संध्या 6 बजे तक 15 बार बात हुई थी। शाम सात बजे के बाद से दोनों मोबाइल स्विच आफ हो गया। दोनों मोबाइल का अंतिम टावर लोकेशन पिपरा बाजार पाया गया। संदेह के आधार पर दोनों से पूछताछ हुई और दोनों ने अपना स्वीकारोक्ति बयान दिया।

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'घटना स्थल पर कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं था, वैज्ञानिक विधि से अनुसंधान किया गया। थानाध्यक्ष व पुलिस उपाधीक्षक ने काफी मेहनत की और अंत में गुत्थी सुलझ गई। अवैध संबंधों में हत्या की गई थी।'

-पंकज कुमार राज

एसपी सुपौल


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