बालिकाओं को बताए गए आत्मरक्षार्थ के गुर
सुपौल, जागरण संवाददाता:महिलाओं एवं किशोरियों में परिस्थितिजन्य संवेदनशीलता एवं बौद्धिक सतर्कता उत्पन
सुपौल, जागरण संवाददाता:महिलाओं एवं किशोरियों में परिस्थितिजन्य संवेदनशीलता एवं बौद्धिक सतर्कता उत्पन्न करने के उद्देश्य से पुलिस महानिरीक्षक, कमजोर वर्ग के निर्देश के आलोक में सोमवार को स्थानीय बबुजन विशेश्वर बालिका उच्च विद्यालय परिसर में सशक्तीकरण सभा का आयोजन किया गया। सभा में महिला थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपाश्री ने कहा कि आए दिन बलात्कार व छेड़खानी जैसी घटनाएं सुनने को मिलती है। ऐसी घटनाओं के कई कारण हैं। शुरु में हमारे समाज में लड़कियों व महिलाओं को पर्दा में रखने की प्रथा थी। लेकिन बदलते परिवेश के चलते यह प्रथा अब समाप्ति के कगार पर आ गयी है और लड़कियां व महिलाएं घर से बाहर निकल कर काम करने के लिए जाया करती है। समय तो बदल गया लेकिन आज भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो महिलाओं व लड़कियों के प्रति गलत धारणा पाले हुए है। यात्रा के दौरान सुरक्षा के उपाय के मद्देनजर छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि घर से बाहर कहीं भी जाने से पूर्व योजना बना लें और इसकी जानकारी माता-पिता को अवश्य दें। घर लौटने के क्रम में अगर रात हो जाय और घर लौटने के लिए किसी गाड़ी का उपयोग जरुरी हो तो किसी ऐसे गाड़ी में न बैठें जिसमें सिर्फ और सिर्फ पुरुष बैठे हों अथवा खाली गाड़ी हो। कहा कि घर, कार्यस्थल अथवा स्कूल या अन्य जगहों पर कोई रिश्तेदार, जान-पहचान वाला या अनजान व्यक्ति कोई आपके साथ गलत हरकत करें तो इसका विरोध अवश्य करें। ऐसा देखा गया है कि अस्सी प्रतिशत लड़कियों के साथ कोई अपना रिश्तेदार ही अभद्र व्यवहार करता है। अगर कोई इस तरह का व्यवहार करता है तो इसकी जानकारी घर में अवश्य दें। खासकर मां को तो जरुर बताएं। मां से कोई बात छुपाएं नहीं। मां हर संभव मदद करेगी। मोबाईल से किसी का फोटो न खींचे और न ही किसी को अपना फोटो खींचने दें। थानाध्यक्ष ने छात्राओं को कई अन्य अहम जानकारियां दी। सभा में छात्राओं ने थानाध्यक्ष से कई सवाल किये। वर्ग नौ की छात्रा अंशु कुमारी का सवाल था कि अगर आत्मरक्षा के दौरान किसी की मौत हो जाती है तो क्या वह अपराध होगा? इसी वर्ग की रुखसार प्रवीण ने पूछा कि कोई व्यक्ति बार-बार घूर-घूर कर देखता है तो क्या उसके लिए कानून में सजा है? स्वर्णलता ने पूछा कि कोई लड़का ट्यूशन पढ़ने के जाने के समय या स्कूल जाने के समय कामेंट करता है तो कानून में इसके लिए क्या प्रावधान है? इसके अतिरिक्त काफी संख्या में छात्राओं ने सवाल किये जिसका जबाब थानाध्यक्ष ने देकर संतुष्ट किया। वहीं थानाध्यक्ष ने भी कई सवाल किये, जिसका जबाव छात्राओं ने बड़ी बेबाकी से दिया। सभा में विद्यालय के प्राचार्य हरेराम मंडल, शिक्षिका नीतू सिंह, श्रुति झा, रोहिणी कुमारी, एएसआई पुष्पलता सिंहा व सिंहता देवी, बिहार सैन्य पुलिस व बिहार पुलिस की रजनी साह, सविता कुमारी, सावित्री कुमारी, अनुप्रिया किस्कु, वंदना कुमारी सहित काफी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी।