सिवान में आग लगने पर भगवान ही मालिक
सिवान । अब आम लोगों को अपने दो मंजिला व इससे ज्यादा तल्ला वाले मकानों व सभी सार्वजनिक भवनों में फा
सिवान । अब आम लोगों को अपने दो मंजिला व इससे ज्यादा तल्ला वाले मकानों व सभी सार्वजनिक भवनों में फायर अलार्म, फायर स्टूगेसर, फायर रिजनिंग यंत्र को लगाना अनिवार्य हो गया है, लेकिन सिवान में सरकार का यह आदेश पिछले सात वर्ष से रद्दी की टोकड़ी में पड़ा हुआ है।
गौरतलब हो कि बिहार सरकार के मुख्य सचिव द्वारा वर्ष 2011 में ही ज्ञापांक 9455 के माध्यम से इस संबंध में जिलाधिकारी व जिला अग्निशमन केंद्र को सूचना दी गई थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर इस दिशा में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण आम लोगों की सुरक्षा संकट में है।
बताते चलें कि सिवान अग्निकाडों के दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस जिले में प्रतिवर्ष दर्जनों की संख्या में अग्निकाड होते रहते हैं, जिनमें लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति के नुकसान के साथ-साथ कभी-कभी व्यक्ति या मवेशी की जान भी चली जाती है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
पटना से एक लेटर आया था कि अब लोगों को अपने घरों में अग्निशमन यंत्र लगाने होंगे, लेकिन इस योजना को कौन लागू कराएगा, इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। कितने घरों में यंत्र लगा है, इस संबंध में भी कुछ नहीं बताया जा सकता है। स्टेशन का फोन पिछले कुछ दिनों से खराब है और इसकी सूचना उच्चाधिकारी को दे दी गई है।
सत्येंद्र कुमार सिंह
फायर अधिकारी, सिवान
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मुख्य सचिव के इस आदेश के संबंध में मेरे पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है, हालाकि हमारे विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है कि अग्निकाडों से सुरक्षा के लिए लोग अपने घरों में अग्निशमन यंत्र लगाएं। लोगों को प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है। जल्द ही इस दिशा में और सार्थक प्रयास किया जाएगा और जो मकान मालिक व सार्वजनिक भवनों के व्यस्थापक यंत्र नहीं लगाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
पूनम कुमारी
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, सिवान
कई माह से खराब है फायर स्टेशन का फोन
सिवान भले ही अग्निकाडों के लिए संवेदनशील माना जाता है, लेकिन यहां का फायर स्टेशन इसके लिए तैयार नहीं दिखता है। स्टेशन पर अग्निशमन यंत्रों व दमकल गाडि़यों को कौन पूछे, जिले के दूरदराज के क्षेत्र में कहीं आग लग जाए तो आम आदमी सिवान फायर स्टेशन को अग्निकाड की सूचना भी नहीं दे पाएगा, क्योंकि महीनों से फायर स्टेशन का लैंड लाइन खराब पड़ा हुआ है और इसकी चिंता करने वाला कोई नहीं है।